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शुक्रवार, 24 नवंबर 2017

मंजू का पालतू कुत्ता बन के उसका पेशाब पी लिया

दोस्तों ये कहानी मेरी लाइफ की रियल घटना हे. इसमें मैं आप को बता रहा हूँ की कैसे एक मिडल एज लेडी ने कैसे मुझे डोमिनेट कर के चुदवाया था. मैं 29 साल का हूँ और इस चुदाई से पहले तक वर्जिन था. मेरा वेट 70 किलो हे और मेरे लंड की लम्बाई साड़े पांच इंच हे. मैं बंगलौर में काम करता हूँ एक बेंक में. मुझे अच्छा लगता हे जब कोई औरत मुझे डोमिनेट करें, यु कहें की यही मेरी फेंटसी थी. अपनी जवानी के दिनों से ही मैं मच्योर लेडिज जैसे की भाभियों और आंटियों के प्रति आकर्षित था.
ये मेरा अनुभव एक बस की जर्नी से चालु हुआ था. मैं बंगलौर से हैदराबाद जा रहा था. मैंने मजेस्टीक से वोल्वो बस में बुकिंग करवाया हुआ था. और अगले पिकअप से एक लेडी बस में चढ़ी और मेरी बगल की सिट में बैठ गई. उसने चूड़ीदार पहना हुआ था. वो अपनी तीसी में थी और उसका फिगर करीब 36 30 36 का था. और देखने में वो थोड़ी सांवली सी थी. उसके बाल लम्बे और घुंघराले थे.
जब बस चली तो उसका हाथ मेरी तरफ आ गया और मेरे शैतानी दिमाग में गंदे ख़याल आने लगे. मैं सोच रहा था की कैसे बात चालू करूँ उसके साथ. मैंने इस लेडी को उसका नाम वगेराह पूछा. उसने जवाब दिया और फिर से चूप हो गई. उसका नाम मंजू था और वो एक एमएनसी में फ्रंट डेस्क पर काम करती थी. वो अपने पति से मिलने के लिए हैदराबाद जा रही थी और उसके अभी बच्चे नहीं थे.
इसी बिच हमारे हाथ एक दुसरे से टच होते रहे. और मुझे इस वजह से बड़ा मजा आने लगा था. मैं बार बार हाथ को उसकी बॉडी से टच कराता रहता था. मेरा लंड भी जाग चूका था. और फिर कुछ देर में उसे नींद आई और वो मेरे कंधे के ऊपर सो गई. मैंने भी सही मौका देखा और कुछ देर में मैं भी उसके ऊपर ही सो गया. साला पूरी रात मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और नींद भी आ गई इसलिए कुछ कर नहीं सका. कुछ ही देर में बस मंजिल को पहुंचनी थी तब हम दोनों ने अपने नम्बर्स एक्चेंज कर लिए.
मुझे हैदराबाद में दो दिन का काम था उसके बाद में मैं वापस बंगलौर आ गया. मुझे याद था की मंजू मेरे आने के दो दिन के बाद आनेवाली थी. मैंने दो दिन के बाद लेट इवनिंग में उसे व्हाट्सएप्प मेसेज किया.
और तुरंत उसका जवाब भी आ गया. वो व्हाट्सएप्प पर लम्बी लम्बी बातें कर रही थी. कुछ समय पर्सनल चीजे और क्या करते हो कहा रहते हो चला. वो बातचीत से थोड़ी घमंडी और कंट्रोल वाली लग रही थी. जो की मुझे अच्छा भी लगा. फिर हमारी बातें सेक्स के टोपिक के ऊपर भी होने लगी. मंजू ने कहा की वो टॉर्चर वाला सेक्स पसंद करती हे और उसका हसबंड वो सब करता नहीं हे इसलिए वो प्यासी रह जाती हे.
उसने मेरी सेक्स लाइफ के बारे में पूछा और मैंने कहा की मुझे सेक्स करने का चांस ही नहीं मिला हे. वो हंस पड़ी और उसने मेरी सेक्स रिलेटेड फेंटसी के बारे में पूछा.
मैं: मैं लड़की के हाथ का खिलौना बनना चाहता हूँ.
वो हंस पड़ी और बोली, गुड.
मैं: मैं चाहता हूँ की सेक्स में लड़कियां मुझे मारे और पेन दे सेक्स के अंदर.
मंजू: अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे दर्द दे सकती हूँ.
और ये कह के वो हंस पड़ी.
मैं: अच्छी बात हे ना!
उसने कहा: वैसे तुम्हे ये सब आइडिया कहाँ से आता हे.
मैंने कहा: पोर्न के विडियोस देख के. और ये कह के मैंने उसे व्हाट्सएप्प के ऊपर लिंक भेज दी एक bdsm वीडियो की. उस वीडियो में एक लड़का एक लड़की को मार मार के उसके साथ सेक्स का रहा था.
अगले दिन उसने कहा वो वीडियो मस्त था और वो खुद भी ऐसे ही अपने हसबंड को मार मार के उसका लंड लेना चाहती हे. मैं हंस पड़ा और उसे कहा की तुम अपने हसबंड को ऐसे टॉर्चर कर ही नहीं सकती. लेकिन अगर तुम मुझे टॉर्चर करना चाहो तो मैं भी एन्जॉय कर लूँगा.
वो: अगर तुम मेरे हसबंड होते तो मैं तुम्हे टॉर्चर करता.
मैं: तो फिर सोच लो की मैं तुम्हारा हसबंड हूँ.
वो हंस के बोली: ठीक हे!
और फिर कुछ देर दिनों तक हम दोनों व्हाट्सएप्प के ऊपर यही रोल-प्ले करते रहे. वो मेरी बीवी थी जो मेरे हर सेक्सुअल एक्ट में मुझे अपना गुलाम बनाती थी और मेरे ऊपर डोमिनेट करती थी. वो मुझे गन्दी गन्दी गालियाँ देती थी. वो मेरे लंड के ऊपर भी सवाल करती थी.
ऐसे करते हुए दो महीने बिट गए. वो अपने हसबंड को इसके बिच में तिन बार मिल के आई. फिर हम दोनों ने एक संडे को मिलने का प्लान बनाया. उसने टॉप और ब्ल्यू डेनिम की जींस पहनी हुई थी. उस दिन बस में मिली थी उस से काफी अलग ही लग रही थी मंजू आज तो. हमने ऑलमोस्ट दो घंटे तक एक केफेटेरिया में बातें की.
और फिर वो अपने घर चली गई. उसी शाम को उसका मेसेज आया की वो जो हम रोल-प्ले में करते थे वो रियल में करना चाहती हे. मैंने एक पल भी सोचे बिना उसको हाँ कर दिया. और फिर अगले संडे को मैंने एक होटल बुक करने को कहा. तो उसने कहा नहीं तुम कल के दिन में ही होटल बुक करो हो सके तो अपनी ऑफिस से छुट्टी ले लो.
मैंने एक 4 स्टार होटल में कमरा बुक कर लिया. और वो 10 बजे शार्प आ भी गई. उसने लो नेक ब्लाउज पहना था और उपर एक सेमी-ट्रांसपरेंट साडी पहनी हुई थी उसने. वो बोली देखो मैं तुम्हे मारूंगी, कुटुन्गी लेकिन तुम मुझे मेम ही कहोगे, मंजू नहीं. मैंने कहा ठीक हे.
वो बोली, चलो अपने कपडे खोलो और पेंटी में आ जाओ.
मैं अपनी जोकि के सिवा बाकी के सभी कपडे निकाल दिए. उसने मुझे कहा की उलटे हो जाओ. मेरे उलटे होते ही वो मेरी गांड के ऊपर एक चमड़े के बेल्ट से जोर जोर से मारने लगी. मैं दर्द की वजह से मोअन कर रहा था.
मंजू: साले कुत्ते मोअन करना बंद कर हरामी.
मैं: मेम बहुत पेन हो रहा हे मुझे.
मंजू: साले तू मेरा गुलाम हे और अगर तूने अब मोअन किया तो अपनी पेंटी मैं तेरे मुहं में ठूंस दूंगी.
मैं: मेडम आप की पेंटी तो मैं वैसे भी अपने मुहं में लेना चाहता हूँ. और मुहं में देने से पहले प्लीज़ अपनी पेंटी में थोडा पेशाब कर देना.
वो एक्साइट हो गई और उठ के बाथरूम में चली गई. जब वो वापस आई तो उसके हाथ में पेंटी थी जो पेशाब से भरी हुई थी. और आते ही उसने वो पेंटी को मेरे मुहं में डाल दिया. उसका पेशाब मेरे चहरे पर और मुहं में चला गया. फिर उसने मुझे कहा की बिस्तर में लेट जाओ तुम. और फिर से वो मेरी गांड के ऊपर चमड़े के बेल्ट से मारने लगी. इस चाबुक जैसे प्रहारों से मेरी गांड वाला हिस्सा एकदम लाल हो चूका था और मुझे दर्द भी हो रहा थे. पेंटी मुहं में होने की वजह से मेरी मोअन बहार नहीं आ रहा था. मैंने उसकी पेंटी को काटा और उसके पेशाब को पिने लगा.
एक झटके से अपनी पेशाब वाली पेंटी मेरे मुहं से निकाल ली. फिर उसने मुझे अपनी पाँव की ऊँगली मुहं में देते हुए कहा, ले मेरे कुत्ते चाट मेरी पाँव की ऊँगली को और फिर वो मेरे बाल पकड़ के एक एक कर के सब उंगलियाँ चटवाने लगी. फिर वो बोली चल अब खड़ा हो और मेरी गांड को चाट साले कुत्ते.
मैने कहा, हां मेम.
फिर मैं साडी के ऊपर से ही उसकी गांड को चाटने लगा. वाऊ क्या मजा आ रहा था मंजू की बड़ी गांड को चाटने में, प्लीजर मिल रहा था मुझे.
फिर वो बोली जाओ बाथरूम में चले जाओ मैं कुछ ऑर्डर करती हूँ. उसने बेल्ट को मेरे गले में अपने पालतू कुत्ते के जैसे लटका दिया. फिर उसने कोफ़ी मंगवाई एक ही कप. उसने कोफ़ी के कप में दो सिप बचाए और फिर उसके अंदर थूंक दिया. फिर अपनी चूत में से पेशाब की कुछ बुँदे भी उसमे निकाली और मुझे दे दी और बोली, मेडम ने स्पेशियल कोफ़ी बनाई हे पी जाओ.
मैं उस कोफ़ी को पी गया. फिर उसने बहुत बार मेरे चहरे के ऊपर थूंक दिया.
फिर मैं उसे ले के बाथरूम में गया और मैंने उसे साडी खोलने के लिए विनंती की. उसने अपना पल्लू हटाया और उसके बड़े बूब्स ब्लाउज में दिखे. मैंने उसके बूब्स पकडे तो उसने मुझे कस के ऐसा तमाचा मारा की मुझे दिन में भी तारे दिख गए. वो बोली, साले कुत्ते मैं कहूँ ना तब तक कुछ नहीं करेगा तू. मैंने कहा सोरी मेम. उसने फिर एक तमाचा मारा और बोली, चल अब अपनी चड्डी खोल दे.
मैंने चड्डी खोल के पूरा नंगा खड़ा था उसके सामने. उसने बोला, अब बोल क्या चाहिए तुझे?
मैंने कहा मेम मुझे आप का पेशाब पीना हे. बहुत प्यास लगी हे मुझे.
उसने अपना पेटीकोट और ब्लाउज निकाला और टॉयलेट की सिट के ऊपर बैठ गई. उसकी ब्रा अभी भी बूब्स के ऊपर थी. उसने मुझे अपनी चूत के पास बुलाया. और उसने कहा, प्यासे हो?. मैंने कहा हां मेडम और ये कह के मैं अपनी जबान को उसकी चूत पर लगा दिया. उसकी चूत से पेशाब की धार निकल पड़ी और इम्रे पुरे बदन को गन्दा करने लगी. उसने कहा साले मुहं खोल हरामी और सब पी जा. मैंने मुहं खोला और उसने धार को मेरे मुहं में ही मारा. उसने मेरे बाल पकडे और अपनी चूत को मेरे मुहं पर घिस के सब पेशाब पिला दिया मुझे. उसका पेशाब एकदम खारा और स्वादिष्ट था.
फिर उसने अपनी चूत के ऊपर थूंक दिया और बोली चाट इसको. मैं 30 मिनिट तक उसकी चूत को चुस्त रहा और उसके बिच में वो दो बार झड़ गई थी. उसने मुझे अपना सब चूतरस भी पिला दिया.
फिर उसने मुझे कहा की चल अब मेरी निपल्स को प्यार कर. और मैंने ऐसे ही किया. वो बोली ला अब मैं तेरी निपल्स को प्यार देती हूँ. लेकिन वो प्यार नहीं पेन दे रही थी. अपनी दो ऊँगली में ऐसे दबा रही थी की मेरी निपल एकदम ही सूज गई. उसे ये सब देख के बहुत मजा आया.
फिर उसने मेरा लंड पकड़ के कहा, मुहं में ले लूँ?
मैंने कहा, प्लीज़ मेम.
उसने लंड मुहं में ले के चूसा और हिलाने लगी. वो अन्डो को ऐसे मरोड़ रही थी की उन्हें तोड़ के खाने हो. और मेरे लंड के ऊपर अपने दांत गड़ा के वो पेन दे रही थी मुझे.
कुछ देर लंड सक करने के बाद वो टॉयलेट की सिट पर घोड़ी बनी और बोली, चल अब चोद ले अपनी मेडम की चूत को!
मैंने जल्दी से अपने लंड को उसकी चूत में डाला और चोदने लगा. वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करते हुए गांड हिलाती गई और मैं उसको चोदता रहा. मेरा पानी उसकी चूत में निकाला और फिर वो बोली, चल अब मुहं खोल के निचे लेट जा.
उसने फिर से पेशाब किया मेरे मुहं में और अब उसके साथ मेरे अपने वीर्य के लम्प्स भी साथ में आ रहे थे….!

बुधवार, 22 नवंबर 2017

प्यारी पंजाबन शादीशुदा गर्लफ्रेंड की हिंदी चुदाई स्टोरी

ह हिंदी चुदाई स्टोरी एक पंजाबन लड़की की है.
पिछले साल मैं दिल्ली में जॉब कर रहा था तो वहाँ मेरी मुलाकात एक ऐसी हसीन परी से हुई, जिसका नाम कोमल था। वो पंजाबन थी और आपको तो पता ही है कि पंजाबी लड़कियां कैसी कड़क और एकदम माल जैसी दिखती हैं। कोमल भी एक ऐसी ही हसीना थी, जो उसे एक बार देख लेता.. बस फिर वो उसे देखता ही रहता है। क्या कहूँ उसके बारे में.. बड़ी-बड़ी आँखें, पिंक कलर के होंठ और मदमस्त फिगर तो सन्नी लियोनी से भी अच्छा 32-28-34 का जानलेवा फिगर था। यारों वो चलती-फिरती किलर मशीन थी। उसका रंग तो ऐसा गोरा कि दूध भी शर्मा जाए। बस एक ही दिक्कत थी कि वो शादीशुदा थी। उसकी 3 साल पहले अरेंज मैरिज हो चुकी थी और उसका एक बेबी भी था।
लेकिन समस्या ये थी कि उसका पति उसको सेक्स का सुख तो देता था लेकिन साथ में उसको मारता भी था।
उसकी और मेरी मुलाकात एक दिन जब हुई, जब वो अपनी सहेली से मिलने हमारे ऑफिस आई.. वहाँ आकर वो रोने लगी कि कैसे उसके ससुराल वाले उस पर जुल्म किया करते थे। मैं उसकी बातें वहीं एक तरफ बैठ कर ध्यान से सुनता रहा और बातें सुनने के साथ धीरे-धीरे उसको बार-बार देख भी रहा था।
अचानक उसने मुझे देख लिया कि मैं उसे बार-बार देख रहा हूँ.. मेरी तो गांड ही फट गई थी। मुझे लगा कहीं वो मुझे आकर कुछ बोल ना दे। फिर कुछ देर बाद वो वहाँ से चली गई, लेकिन मैंने देर ना करते हुए उसकी सहेली से उससे फ्रेंडशिप करने के लिए बोला।
 
बहुत देर तक समझाने के बाद उसकी फ्रेंड मान गई और अगले ही दिन उसने कोमल को बोल दिया कि विराट तुमसे फ्रेंडशिप करना चाहता है।
लेकिन कोमल ने बोला कि क्या उसे पता है कि मेरी शादी हो चुकी है और मेरा बेबी भी है?
उसने कहा- हाँ उसे पता है।
लेकिन फिर भी कोमल ने मना कर दिया।
फिर मैंने उसकी सहेली को बोला कि वो उससे रात में बात करके उसको मेरा नम्बर दे दे और उसकी सहेली ने ऐसा ही किया, उसने कोमल को मेरा नम्बर दे दिया।
फिर दो दिन बाद रात को करीब 11 बजे उसका व्हाटसैप पर मैसेज आया.. मैं समझ गया कि वो भी फ्रेंडशिप करना चाहती है।
हम लोग फिर बातें करने लगे और बात करते-करते रात कब निकल गई.. कुछ पता ही नहीं चला।
फिर अगले दिन उसका कॉल आया और मैंने उससे उसकी मॅरीड लाइफ के बारे में पूछा तो वो रोने लगी। फिर वो रोते हुए अपने पति के बारे में बताने लगी।
मैंने उसे चुप कराया और कहा- पति की जगह मैं हूँ ना।
वो हंस पड़ी और उसने मुझे ‘आई लाइक यू..’ बोला।
हम लोग ऐसे ही बात करते-करते सेक्स की बातें करने लगे।
फिर एक दिन ऐसा आया कि उसने मुझे अपने घर बुलाया क्योंकि उसका पति अक्सर बाहर ही रहता था। उस दिन जब मैं उसके घर गया तो वो एक सोफे पर बड़ी मादक अंदाज में बैठी थी। इस तरह बैठे हुए वो एकदम स्वर्ग की अप्सरा सी लग रही थी। क्या मस्त ड्रेस पहन रखी थी उसने.. ग्रीन सूट और सलवार में वो एकदम पटाखा लग रही थी।
उसके मम्मे पहले के मुक़ाबले और भी बड़े लग रहे थे। क्या उठी हुई गांड थी यार.. मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया।
मेरे अन्दर जाते ही वो खड़ी हो गई। वो मेरे लिए पानी लेकर आई और फिर कोल्डड्रिंक लेकर आई। मैं धीरे-धीरे शिप करते हुए कोल्डड्रिंक पीने लगा और उससे बातें करने लगा। कुछ ही देर में मैं उसके साथ मस्ती करने लगा।
इतना करने के बाद वो रोने लगी कि एक तुम हो जो मुझे बात-बात पर हंसाते हो और एक मेरा पति है जो मुझे मारता है।
मैंने बोला- जानू मैं हूँ ना तेरा पति..
मेरे इतना कहते ही वो मुझसे बोली- सिर्फ नाम के ही पति हो.. या कुछ काम के भी हो?
मैं समझ गया था कि आज ये पक्का चुदेगी मुझसे।
मैं बोला- क्यों क्या काम करना है बताओ..?
वो शरमा गई।
फिर मैंने आगे बढ़ कर उसके गाल पर किस किया उसने मुस्कुरा कर मेरे किस का स्वागत किया तो मैंने अगला चूमा उसकी गर्दन पर अपनी गरम साँसें छोड़ते हुए किया। मेरे इतना करने पर वो एकदम हिल गई थी।
फिर उसने मुझे धक्का दिया और दूसरे कमरे में चली गई। कुछ पल रुकने के बाद मैं अपनी कोल्डड्रिंक लेकर उसके पीछे गया तो देखा कि वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने बेड पर लेटी है।
मेरे अन्दर आते ही वो मुझे उंगली के इशारे से बुलाने लगी। उसको इस कामुक अंदाज में देख कर लगा कि आज मुझे जन्नत का दरवाजा दिख रहा है।
वाकयी लग रहा था कि खुद स्वर्ग की अप्सरा मुझे अपनी चुत चोदने का बुलावा दे रही है।
मैं भी देर ना करते हुए उसके पास गया। पहले उसके होंठ पर होंठ रख दिए। हम दोनों करीब 15 मिनट तक ऐसे ही बैठ कर एक-दूसरे के होंठ चूसते रहे।
अह.. क्या रसीले होंठ थे उसके.. एकदम मुलायम और रस भरे.. मदमस्त चुसाई चल रही थी।

फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और धीरे-धीरे उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। इतने में ही वो तड़प उठी और उसने अपनी ब्रा उतार दी। फिर उसने मेरे मुँह में अपना एक चुची दे दी, मैं उसको रगड़ कर पीने लगा। साथ ही मैं उसकी पेंटी में हाथ घुसा कर चुत में एक उंगली करने लगा।
मेरे ऐसा करते ही वो और भी कामुकता से आहें भरने लगी ‘ऊहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म्म..’
उसकी मादक सीत्कारें सुनकर मैं और मस्ती से चूत को कुरेदने में लगा रहा। फिर मैंने उसकी पैंटी फाड़ दी और अपना मुँह उसकी चुत पर रख दिया और उसको अन्दर से चाटने लगा।
मेरे ऐसा करने पर वो तड़प उठी और बोली- यार मैं मर जाऊँगी प्लीज़ अब चोद दे प्लीज़ यार आह..
इतना कहते ही करीब दो ही मिनट बाद वो झड़ गई और मैं उसका पूरा पानी पी गया। अब मैं अपने कपड़े उतारने लगा तो उसके मेरा अंडरवियर पकड़ कर मुझे अपने पास खींच लिया। मेरा लंड निकाल कर अपने मुँह में ले लिया और उसको लॉलीपॉप की तरह चाटने लगी और चूसने लगी।
करीब दस मिनट तक वो ऐसे ही करती रही। फिर ऐसा करने के बाद वो बोली- प्लीज़ विराट आज तुम मुझे अपनी बना लो.. हमेशा के लिए.. मैं तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ.. मुझे क्या ऐसे ही तड़पाओगे.. आओ ना.. आज मुझे चोद दो और मुझे अपना बना लो।
मैंने ऐसा ही किया। उसकी चुत पर अपना लंड रखा और ज़ोर से धक्का दे मारा। इस तगड़े झटके से मेरा आधा लंड उसकी चुत में एक ही बार में चला गया। उसकी चीख निकल गई- क्या कर रहा है.. भैनचोद ऐसे तो मेरा पति भी नहीं करता.. आह.. बाहर निकाल अपने लंड को.. मैं मर जाऊँगी प्लीज़ जल्दी से बाहर निकाल।
मैंने उसको कुछ नहीं कहा और न ही उसकी बात पर कोई ध्यान दिया। बस मैं उसके मम्मों को पीने लगा और चुपचाप उसके ऊपर लेट गया।
फिर उसके मुँह से सीत्कारें निकलने लगीं ‘आआ हह.. उहह प्लीज़.. आआह..’
अब मैं धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करने लगा.. लेकिन अभी मेरा आधा लंड ही अन्दर था।
फिर अचानक मैंने जोर से धक्का दिया तो इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चुत को चीरता हुआ घुस गया।
वो फिर से तड़प उठी और बोली- मुझे नहीं बनाना तुझे अपना खसम.. अआह.. उउह.. मार डाला बस कर..
अब वो मुझे गालियां देने लगी।
मुझे उस पर गुस्सा आ गया, मैंने एक हाथ से उसका मुँह दबाया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। ऐसा करने पर उसका चेहरा लाल पड़ गया और उसकी आँखों से आंसू आ गए।
लेकिन कुछ देर बाद सब शांत हो गया और वो भी अब मुझे अन्दर लेने लगी.. मेरा साथ देने लगी। फिर कभी उसको घोड़ी बना कर चोदता.. तो कभी उसकी एक टाँग अपने कंधे पर रख कर चुत पेलता, उसको मम्मों को और होंठों को बारी-बारी से चूसता हुआ उसको चोदता।
उसको भी मजा आ रहा था।
करीब दस मिनट बाद वो अकड़ गई और झड़ गई.. लेकिन मैं उसे लगातार चोदता रहा.. फिर 5 मिनट बाद मैं भी झड़ गया। मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में अन्दर ही छोड़ दिया।
फिर हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर लेट गए। उस दिन मैंने उसकी चूत को 3 बार चोदा और उसकी गांड भी मारी।
बाद में मैं जब जाने लगा तो वो बोली- आज से तुम ही मेरे पति हो और तुम जब कहोगे, मैं तुम्हारे पास आ जाऊँगी।
उसके बाद हम लोग बार-बार मिलने लगे। वो काफ़ी रिच थी इसलिए वो मुझे पैसे भी देती थी।
एक दिन उसके पति को हमारे बारे में पता चल गया और फिर उसकी और मेरी बातें होना और मिलना बंद हो गया। पिछले महीने एक अननोन नम्बर से उसका कॉल आया था।
उसने बताया- तू बाप बन चुका है। मैंने एक लड़के को पैदा किया है.. जो कि तेरा है।
इतना कह कर उसने फोन कट कर दिया। आज भी मैं उसको याद करता हूँ तो मूड खराब हो जाता है।
आपको मेरी हिंदी चुदाई स्टोरी कैसी लगी मुझे ज़रूर बताएं।

सोमवार, 20 नवंबर 2017

गाँव की देसी बहन की देसी चूत चुदाई

मैं अमित हूँ, यह मेरी लाइफ की रियल स्टोरी है. मैं पढ़ाई के लिए बाहर रहता हूँ और मेरा पूरा परिवार गाँव में रहता है. मेरा परिवार एक जॉइंट फॅमिली है इसलिए सभी लोग मेरे चाचा चाची सब साथ ही में रहते हैं.
मैं हर साल गर्मियों की छुट्टियों में घर जाता हूँ.

बात उन दिनों की है जब मैं पिछली बार गर्मी की छुट्टियों में घर गया था.
मेरे चाचा की एक लड़की है मोनिका, करीब 20 साल की होगी, बहुत ही सेक्सी लगने लगी है वो अब… उसका फिगर करीब 32-26-30 का होगा, उसके बूब्स बड़े बड़े हैं.
पहले मेरे मन में उसके बारे में एसा कोई विचार नहीं था लेकिन जब मैं इस बार घर गया तो अब वो बड़ी हो चुकी थी, बहुत ही सेक्सी लगने लगी थी. तो मैंने अपनी चचेरी बहन की चूत चुदाई करने की योजना बनाई.
लेकिन घर पर सब लोग रहते हैं इसलिए कोई काम नहीं बन रहा था. इसलिए मुझे रोज उसे देख कर ही मूठ मारनी पड़ रही थी.

आख़िरकार एक दिन वो मौका आ ही गया जिसका मुझे इंतजार था. उसके मामा के यहाँ शादी थी तो सभी लोगों को वहां जाना था लेकिन मैं और वो नहीं गये, और मेरी बड़ी बहन भी नहीं गई थी, हम तीनों घर पर अकेले थे.
हम सबने खाना खाया और सोने लगे. मेरी दीदी और वो साथ में लेटी थी, मैं भी बगल में ही दूसरे पलंग पर लेटा था. मैं और मोनिका आपस में बात करते रहे. काफ़ी रात हो चुकी थी, दीदी भी सो चुकी थी.
अब वो भी सोने लगी थी लेकिन मुझे कहाँ नींद आने वाली थी, मैं तो बस उसकी जवानी को देख कर लंड हिला रहा था.

फिर मैंने धीरे से उसके ऊपर हाथ रख दिया, वो शायद सो गई थी, मैंने धीरे से हाथ फिराना चालू किया. फिर मैंने उसके बूब्स को धीरे से दबाना चालू किया.
इसके बाद मैं नीचे की ओर बढ़ा और उसकी सलवार पर हाथ फिराने लगा.
यारो, क्या बताऊँ… क्या मज़ा आ रहा था उसकी चूत और गांड को सहलाने में!

इतने में वो जाग गई और कहने लगी- भैया ये क्या कर रहे हो आप?
मैंने उसे समझाया- कुछ नहीं, ये तो बस ज़िंदगी का असली मजा है, बहुत मजा आएगा.

पहले तो वो नहीं मानी फिर मेरे बार बार समझने के बाद वो मान गई.
यह हिंदी देसी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मैं उसे लेकर दूसरे कमरे में गया, मैंने अंदर से दरवाजा बंद किया और उस पर टूट पड़ा. मैंने उसे बेड पर गिराया और उसके होंट चूसने लगा. कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.
फिर मैंने उसके बड़े बड़े बूब्स दबाए और उसके कपड़े उतार दिए. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. उसने सफ़ेद ब्रा और नीली पेंटी पहनी थी… क्या बताऊँ क्या मस्त लग रही थी मेरी बहन बिकिनी में!

अब मैंने उसकी ब्रा पेंटी भी उतार दी और उसके दूध पीने लगा और उसको चूत भी चाटी. अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी तो मैंने देर ना करते हुए उसकी टाँगें फैलाई और बीच में आकर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्के से आधा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया.
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ अब वो रोने लगी थी.
मैंने उसे समझाया- पहली बार में ऐसा होता है.

वो थोड़ी देर में नॉर्मल हुई, तब मैंने झटके देना चालू किया, अब तो वो भी मेरा साथ दे रही थी और गांड उठा उठा कर अपनी चूत चुदाई करवा रही थी.
कुछ देर में हम दोनों झड़ गये, मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.

अगले दिन मैंने उसे दवाई लाकर दी, फिर मैंने तो कई बार मैंने अपनी बहन की चूत चुदाई की.
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी? मुझे मेल करें…
amit.khare69@gmail.com

चचेरी बहन की कुंवारी बुर की चुदाई की कहानीv

मैं अर्चित अपनी चचेरी बहन की कुंवारी बुर की चुदाई की कहानी आप सबके साथ शेयर कर रहा हूँ।
बात 6 महीने पुरानी है.. मेरी एक कज़िन है, जिसका नाम सोनिया (नाम बदला हुआ) है। उसके मदमस्त जिस्म के बारे में क्या बताऊं.. इस समय उसकी नशीली जवानी क्या मस्ती से झूम रही थी.. उसका फिगर 34-26-34 का है.. एकदम मस्त तितली लगती है। जब भी मैं उसको देखता हूँ तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
वैसे वो मेरी रियल कज़िन नहीं है लेकिन उसकी और मेरी फैमिली काफ़ी क्लोज़ हैं.. इसलिए दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना लगा रहता है।
मैं जब भी उसके घर जाता.. तो बस उसको ही देखता रहता हूँ.. उसको क्या, मैं तो उसके तने हुए मम्मों को और उठी गांड को देखता रहता था। कभी-कभी हम दोनों बातें करते थे.. तो उस वक्त भी मेरा ध्यान बातों में कम और उसके उछलते मम्मों और रसीले होंठों पर ज़्यादा रहता था। मैं तो बस सपने देखता रहता था कि कब इसकी बुर की चुदाई के लिए मिलेगी और कब मैं अपने लंड की प्यास बुझाऊँगा।
लेकिन मौका नहीं मिल रहा था। मैं भी उसको अपने मन की ये सब लालसाएं बताने में डरता था।
वो मेरी कज़िन तो है ही इसलिए उसका फोन नम्बर तो मेरा पास था। उसके नम्बर पर मैं कभी-कभी मैसेज से बात भी होती रहती थी।
लेकिन उस एक रात ने मेरी ज़िंदगी बदल दी। बात ये हुई कि वैसे तो हम मैसेज एक-दूसरे को फ़ॉरवर्ड करते रहते थे लेकिन उस दिन न जाने क्या हो गया मुझे और उसे पता ही नहीं चला। हम मैसेज के जरिए बात कर रहे थे, यूं ही अपने फ्रेंडस और पढ़ाई वगैरह की बातें कर रहे थे.. तभी अचानक उसने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछ लिया कि क्या मेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं?
मैंने भी ‘हाँ’ कह दिया और उससे भी उसके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो उसने भी कहा कि हाँ उसका भी एक ब्वॉयफ्रेंड है। इस तरह धीरे-धीरे हम आगे बातें शुरू की।
मैंने अचानक उससे पूछ लिया कि तुमने कभी अपने ब्वॉयफ्रेंड को किस किया है?
उसने कहा- अरे यार किस तो आजकल नॉर्मल सी बात है.. इतना तो चलता ही रहता है।
मैंने कहा- इट्स ओके।
फिर उसने भी पूछ लिया- क्यों आपने अपनी गर्लफ्रेंड को किस नहीं किया क्या?
मैंने भी कह दिया- मैंने भी बहुत बार किस किया है।

लेकिन उस नाइट और भी कुछ होगा.. ये मैंने नहीं सोचा था।
मैंने भी मौका देखा और लगे हाथ उससे पूछ लिया- यदि तुम बुरा नहीं मानो तो एक बात पूछूँ?
उसने कहा- हाँ पूछो।
मैंने पूछा- कभी सेक्स किया है तुमने?

उसका कोई मैसेज काफ़ी देर तक नहीं आया।
उसका रिप्लाई न आने से मैं डर गया कि कहीं बुरा ना मान जाए। मैंने उसे कई मैसेज किए और सॉरी भी कहा.. लेकिन उसका कोई रिप्लाई नहीं आया। मैं समझ गया कि ये मेरी बात का बुरा मान गई।
अब मेरी फटने लगी कि कहीं अपने घर में और मेरे घर में भी कुछ कह ना दे। मैंने भी डर के मारे काफ़ी मैसेज करने के बाद उसे मैसेज नहीं किए।
फिर अचानक एक घंटे बाद उसका मैसेज आया कि मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि आप मुझसे ऐसी बात करोगे।
मैंने जल्दी से उसे सॉरी कह दिया और कहा- मैंने तो बस ऐसे ही पूछा था प्लीज़ तुम माइंड मत करना।

फिर उसने कहा- क्यों पूछा ऐसा आपने.. सच बताना?
मैंने उससे कह दिया- यार माइंड मत करना पर साफ़ कह रहा हूँ कि आई वांट टू सेक्स विद यू..
अब उसने कहा- हाउ डिड यू से लाइक दिस..? हम ऐसा कैसे कर सकते हैं.. हम तो कज़िन हैं।
मैंने भी कह दिया- मुझे तुम अच्छी लगती हो और तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ।
उसने कहा- मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड को दुख नहीं दे सकती।

लेकिन मैंने भी कह दिया कि हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे.. तुम भी अपने ब्वॉयफ्रेंड को कुछ मत बताना।
फिर काफ़ी आना-कानी करने के बाद उसने खुद ही कहा- ठीक है हम सेक्स करेंगे लेकिन ज़्यादा नहीं थोड़ा सा करेंगे।

मैं आपको सब बताऊँगा कि वो कैसे मानी सेक्स के लिए थोड़ा आगे ओके।
मैंने उससे पूछा- थोड़ा सा कैसे..?
उसने कहा- हल्का सा करेंगे.. ज़्यादा डर्टी नहीं।
मैंने कहा- ओके ओके..

लेकिन मेरे मन में तो कुछ और ही था मैंने सोचा कि एक बार सेक्स करने तो मिले तो फिर तो मैं पूरा क्या.. माल निकालने तक का डर्टी सेक्स करूँगा।
अब वो मान गई थी लेकिन उसने पूछा- हम सेक्स कहाँ करेंगे?
तो मैंने कह दिया- जब तुम्हारे घर पर कोई नहीं होगा.. मुझे कह देना, मैं आ जाऊँगा या जब मेरे घर कोई नहीं होगा तब मैं तुम्हें बुला लूँगा।

इस तरह हम दोनों ही ऐसे मौके का वेट करने लगे। इस बीच हम दोनों की सेक्स को लेकर खूब चैट चलने लगी थी।
फिर वो दिन भी आ ही गया। मेरी कज़िन के घर वालों को किसी की शादी में 2 दिन के लिए एक नजदीक के गाँव जाना था। सोनिया ने जाने से मना कर दिया था.. तो वो सब चले गए.. लेकिन वे मेरी फैमिली को कह गए कि सोनिया यहीं रहेगी और उसका ध्यान रखना। साथ ही वे ये भी कहते गए कि सोनिया घर पर अकेली है.. मैं उसके साथ ही रहूँ और रात में वहीं उसके पास सो जाऊँ।
मेरे तो दिल में इतनी खुशी हो रही थी कि क्या बताऊँ यारो… मुझे तो जैसे जन्नत मिल गई थी।
दिन बीत चुका था.. तो मेरी मॉम ने मुझसे कहा- सोनिया के लिए खाना ले जा!
मैं जल्दी से तैयार हो गया और उसके घर पहुँच गया। मैंने देखा कि उसका गेट खुला था तो मैंने आवाज़ लगाई।
सोनिया ने ऊंची आवाज में कहा- मैं बाथरूम में नहा रही हूँ। तुम बैठो, मैं थोड़ी डर में बाहर आती हूँ।
मैं वहीं बैठ कर टीवी देखने लगा। कुछ देर बाद वो अचानक मेरे सामने आई उसने अपने गीले बाल खुले कर रखे थे।
क्या बताऊँ यारो, कितनी सेक्सी पटाखा लग रही थी। मेरा मन तो कर रहा था कि इसको अभी पकड़ लूँ और स्टार्ट हो जाऊँ। लेकिन मैंने थोड़ा कंट्रोल रखा।
मैं उसे भेड़ियों वाली भूखी नज़रों से देख रहा था तो उसने पूछ लिया- क्या देख रहे हो.. कभी लड़की नहीं देखी क्या?
मैंने मज़ाक में कहा- देखी तो बहुत हैं लेकिन तुम जैसी नहीं देखी।
वो एक क्यूट सी स्माइल देकर कपड़े चेंज करने चली गई।

फिर कुछ ही पलों बाद वो एक टॉप और ट्राउज़र में आई.. जिसमें उसका शरीर की हर हलचल साफ़ दिख रही थी.. मेरा लंड अकड़ने लगा था।
फिर उसने मेरा लाया हुआ खाना खाया और हम दोनों टीवी देखते हुए इधर-उधर की बातें करने लगे।
अचानक से उसने पूछ लिया- उस दिन आपको क्या हो गया था?
मैंने पूछा- कल क्या हुआ था?
तो कहने लगी- आप ऐसी बातें क्यों करने लगे थे?
तो मैंने मुस्कुरा कर देखते हुए कह दिया- मैं तुम्हें लाइक और लव करता हूँ और सेक्स करना चाहता हूँ।
उसने कहा- तुम्हारी तो गर्लफ्रेंड है? अगर उसे पता चल गया तो.. और तुम ऐसे उसे धोखा नहीं दे रहे हो?
तो मैंने भी कह दिया- ऐसे कोई धोखा नहीं होता और उस जब पता चलेगा तब की तब देखी जाएगी।

ये कहते हुए मैंने अचानक से उसका हाथ पकड़ा और उसे ‘आई लव यू..’ कह दिया।
उसने कुछ नहीं कहा तो मैं उसके पास को सरक गया और उसे एक किस कर दी, वो मुझे घूरने लगी। मैं फिर से उसके पास चूमने को हुआ, तो इस बार उसने मुझे रोक लिया। लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था। इस बार मैंने उसे जोर से हग किया और किस करने लगा।

अब वो भी मुझे टाइटली हग करने लगी और मेरे साथ किस में साथ देने लगी।
क्या रसीले होंठ थे यारों उसके..
इस तरह हमने एक लम्बी गहरी वाली चुम्मी की.. वो भी जीभ से जीभ से लड़ाने वाली किस की थी। अब हम दोनों एक-दूसरे की जीभ को चूसने लगे। इस तरह से हमने 20 मिनट तक किस किया और एकदम पागल से हो गए थे।
फिर मैं अपना एक हाथ उसके मम्मों पे ले गया और टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा। वो गरम-गरम आहें भर रही थी। उसकी साँसें तेज़ हो गई थीं।
अब मैं टॉप के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाने लगा। बहुत ही सॉफ्ट और बड़े चुचे थे। इस तरह अब मेरे दोनों हाथ उसके दोनों मम्मों को दबा रहे थे।
वो पागल सी हो रही थी और तेज़-तेज़ साँसें ले रही थी। हम एक-दूसरे को हम किस करते जा रहे थे। फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके मम्मों को ब्रा में ही देखने लगा।
क्या मस्त मम्मे थे.. एकदम गोल और भरे हुए.. मुझे रहा नहीं गया और अब मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। मैंने देखा कि ब्रा में उसके मम्मे जितनी साइज़ के दिख रहे थे.. ब्रा हटते ही मम्मों का आकार और बड़ा हो गया था और अब उसके चूचे और भी बड़े दिखने लगे थे।
अब उसके चूचे बहुत ही मस्त दिख रहे थे.. जैसे एकदम रसीले आम हों।
मैं तो मम्मों को पीने और गंदे तरीके से मसलने लगा। उसको डर हो रहा था.. वो कह रही थी- डार्लिंग आराम से करो.. दर्द हो रहा है।
हालांकि उसको मजा भी आ रहा था।

अब मैं पागलों की तरह उसके चूचों को दबाए जा रहा था और उसे भी सेक्स चढ़ चुका था। वो अपना एक हाथ मेरे लंड पे ले गई और पैंट के ऊपर से ही लंड को दबाने लगी।
मैंने कहा- जानेमन, अगर मेरे लंड से खेलना है.. तो ऊपर से क्यों मजा कर रही हो.. और पैंट उतार के खेल लो।
उसने पैंट उतार दी।

मेरा इतना बड़ा लंड देख कर हैरान रह गई और डर कर कहने लगी- इतना मोटा और लम्बा लंड तो मेरे ब्वॉयफ्रेंड का भी नहीं है.. इससे तो मुझे तो काफ़ी दर्द होगा।
मैंने कहा- डरो मत डियर.. मैं हूँ ना।

इस तरह वो मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी।
क्या बताऊँ यार.. क्या मस्त लंड चाट रही थी साली.. उसने तो मेरे लंड को अपने मुँह में एकदम ब्लूफिल्म की सन्नी लियोनी जैसे ले रखा था और वैसे ही पागलों की तरह लंड को चूस रही थी। मैं भी एकदम पागल हो गया था और मुझे तो सेक्स चढ़ा जा रहा था।

वो मेरे लंड को कई मिनट तक चाटती और खेलती रही।
अब मैंने उसके ट्राउज़र और पैंटी को उतार दिया, उसकी बुर पर एक भी बाल नहीं था.. शायद उसने नहाने से पहले ही बुर की झांटों को शेव करके साफ़ किया था।
मैं उसकी बुर को चाटने लगा और फिंगरिंग करने लगा। वो बहुत ‘आहह उम्म्ह… अहह… हय… याह…. आहा..’ कर रही थी और जोर से आवाज़ निकाल रही थी। पूरे कमरे में उसकी कामुक आवाजों का शोर हो रहा था। इस शोर से मुझे तो और जोश आ गया।
अब मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसकी बुर के मुंहाने पर घिसते हुए डालने लगा।
वो कहने लगी- प्लीज़ आराम से डालना.. आपका बहुत मोटा और लंबा लंड है.. कहीं मेरी जान ना निकल जाए।
मैंने कहा- कोई बात नहीं मेरी जान.. कुछ देर का ही दर्द होगा.. बाद में तो तुम जन्नत की सैर करोगी।

ये कहते हुए मैंने अपना लंड उसकी बुर में लगा दिया और धीरे-धीरे डालने लगा। वो सहमी सी होकर लंड का मजा लेने लगी.. तभी मैंने एक तेज झटके में उसकी बुर में अपना लंड पूरा पेल दिया। उसकी तो चीख ऐसी निकली कि क्या बताऊँ.. मैं तो डर ही गया कि कहीं पड़ोसी ना सुन लें।
फिर मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया और किस करते हुए और जोर जोर से झटके देने लगा। मैंने देखा कि उसकी आँखों में आंसू थे.. दर्द से वो रो रही थी.. लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था। मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और अपने काम में पूरी मस्ती से लग गया।
कुछ पलों के बाद वो भी बुर की चुदाई का मजा लेने लगी।
मैंने उसे कई तरह से चोदा.. कई पोज बना कर अपनी चचेरी बहन की बुर चुदाई की।
वो कह रही थी कि हम दोनों को तो हल्का सा सेक्स करना था।
फिर मैंने कहा- डार्लिंग ये मेरा हल्का सा ही सेक्स है।

वो हंसने लगी और गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी। हम दोनों सेक्स का मज़ा लेने लगे।
मैंने उसे काफ़ी देर तक चोदा और अगले दिन में भी उसे कई बार चोदा।
दूसरे दिन मैं अपने घर वालों से पूछ कर उसी के घर पर रुक गया और पूरी रात मैंने उसे कई तरीकों से चोदा।
सोनिया मेरी चुदाई की फैन हो गई और अपने ब्वॉयफ्रेंड को भूल कर मुझसे ही चुदती है।
दोस्तो, यह थी मेरी चचेरी बहन की कुंवारी बुर की चुदाई की कहानी. प्लीज़ मुझे बताना कि कैसी लगी। प्लीज़ मेल ज़रूर करना।

अब्बू और बुआ की चुदाई की आँखों देखी कहानी

जिंदगी में जैसे खाना, पानी, हवा आदि की जरूरत होती है, वैसे ही और एक चीज है जिसकी हर मर्द या औरत, बूढ़े जवान सबको आवश्यकता कभी न कभी महसूस होती ही है, वो है सेक्स!
सब सेक्स करते हैं, शराब या पैसा.. इनकी तरह ही या इससे भी ज्यादा होता है इसका नशा और यह नशा किसी को भी हो सकता है, औरत को भी!

मेरा नाम ज़ोया है, दिल्ली में रहती हूँ।
हम जब छोटे थे, तभी अब्बू गाँव की जमीन, खेत आदि बेच कर धंधा करने दिल्ली आ गए थे।
दिल्ली में हम एक फ्लैट में रहते हैं।

मेरे परिवार में अब्बू, अम्मी, बुआ, दो भाई और एक बहन है। अम्मी से जमाल मेरा छोटा भाई और मैं… बुआ के दो बच्चे रेहान, और हिना है।
बुआ को उसके पति ने तलाक दे दिया और किसी और से निकाह कर लिया।

सबसे बड़ी हिना है, उससे छोटा जमाल, फिर रेहान और सबसे छोटी मैं… हम सब बचपन से बड़े प्यार से एक साथ मिल कर रहते थे।
मेरे अंदर सेक्स की भूख वैसे बचपन से थी, पता नहीं कब से इसका चस्का लगा।
बचपन में कई बार मैंने अम्मी अब्बू को सेक्स करते हुए छिप छिपकर देखा है। रेहान और मैं हमउम्र ही थे, इसलिए वो भी मेरे साथ ये सब देखता था। हम भी वैसे ही करने की कोशिश करते थे। हमें बहुत मजा आता था।

एक दिन अम्मी को किसी काम से नानी के यहाँ जाना पड़ा, जमाल भी अम्मी के साथ चला गया, मेरे इम्तिहान चल रहे थे इसलिए मैं नहीं गई।
रात को मैं बुआ के साथ सो गई.

रात के एक बजे मैं पानी पीने के लिए उठी तो देखा रेहान और हिना सोए थे पर बुआ नहीं थी. मैंने सोचा बाथरूम वगैरह गई होगी.
मै पानी पीने सीढ़ियों से उतर रही थी, तभी मुझे किसी के कराहने की आवाज आई।

अब्बू का कमरा सीढ़ियों के पास है और उसकी खिड़की सीढ़ियों से लगी है, खिड़की पूरी तरह से बंद नहीं होती थी इसलिए अंदर क्या हो रहा है हम सीढ़ियों पर खड़े रहकर खिड़की की दरार से देख सकते थे।
मैंने खिड़की की दरार से अंदर देखा तो मैं अंदर का नजारा देखकर दंग रह गई.

अंदर अब्बू बुआ की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहे थे। अब्बू शरीर से हट्टे कट्टे थे, उनका लंड भी मोटा काला और बहुत लंबा था।
बुआ भी किसी हिरोइन की तरह सेक्सी थी।

दोनों एकदम नंगे थे।
अब्बू जोर जोर से अपना लंड बुआ की चूत के अंदर बाहर कर रहे थे और बड़बड़ा रहे थे- ले रांड ले!! बहुत चुदाई की आग है तेरी चूत में! पड़ोसियों से चुदवाती फिरती है.
ऐसा कहकर अपने मूसल जैसे लंड से बुआ की चूत को तेजी से चोदने लगे।
फिर बुआ को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेलने लगे, कभी गांड में डालते तो कभी चूत में!

बुआ भी आवाजें निकाल रही थी- आआआ ईईईई ऊऊऊऊ… और तेज़ औऔ औऔइइइ… फाड़ दो मेरी चूत… बना दो इसको भोसड़ा!
कुछ देर तक चोदने के बाद अब्बू ने अपना लंड बुआ के मुंह में देकर मुंह को ही चोदने लगे.

थोड़ी देर में अब्बू ने धक्के तेज कर दिए और बाद में आहहह आहहह करते हुए अपना सारा माल बुआ के बूब्स और पेट पर डाल दिया।
फिर बुआ ने अब्बू का लंड चाटकर साफ किया और लंड पर लगा वीर्य पी लिया और नंगी ही अब्बू के पेट पर सिर रखकर लंड से खेलने लगी और अब्बू बुआ के बूब्स खेलने लगे.
बुआ ने पूछा- भाईजान, आपको कैसे पता चला कि मैं पड़ोसियों से चुदती हूँ?
अब्बू बोले- मैंने तुझे पड़ोस के विकास के साथ उसकी छत पर देखा था, तुम लोग दीवार के पीछे खड़े थे, वो तेरी चूत में उंगली कर रहा था और तू उसका लंड पकड़ कर हिला रही थी. उसने तुझे वहाँ खड़े खड़े ही चोदा था. जब तू कल कपड़े सुखाने के बहाने टेरेस पर गई थी तो तेरे पीछे मैंने उसको भी जाते देखा, मुझे शक हुआ तो मैं भी तुम लोगों के पीछे आ गया था और मैंने छत के बरामदे में तुम लोगों को चुदाई करते देख लिया था.
अब्बू बोले- जब से तू बड़ी हुई है, तेरे उभार बड़े हुए हैं, तब से तेरे लिए मेरी फीलिंग बदल गई थी और बस इसी बात का इंतजार करता था कि कब तेरी मुलायम चूत मारने का मौका मिले। वो मौका मुझे तेरी चुदाई देखकर मिल गया!
बुआ बोली- मेरे प्यारे भाईजान को मेरी चूत चाहिए थी तो पहले कह देते… मैं लंड के लिए दूसरों के पास क्यों जाती।
यह कहकर अब्बू का लंड चूसने लगी और फिर चुदाई का एक और घमासान दौर चला।

इस बार अब्बू ने पूरा पानी बुआ के मुंह में भर दिया, बुआ गट गट करके सारा वीर्य पी गई.
और फिर बुआ ने कपड़े पहने और बाहर आने लगी.
उनके आने से पहले मैं सीढियों से अपने रूम में आकर सोने की एक्टिंग करने लगी. बुआ भी रूम में आकर सो गई।
यह मेरी पहली सच्ची कहानी है, लिखने में गलती हुई हो तो माफ करना और मेरी दूसरी चुदाई की दास्तान का इंतजार कीजिए।

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