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शनिवार, 30 दिसंबर 2017
शुक्रवार, 24 नवंबर 2017
लड़की की वर्जिन गांड चोदने का मजा
हाई दोस्तों मेरा नाम सारिक हे और मैं दिल्ली से हूँ. मेरी हाईट
5 फिट 8 इंच हे और मैं गोरा हूँ. मैं स्मार्ट हूँ और मेरे लोडे का साइज़ 8
इंच हे. ये कहानी आज से 8 महीने पहले की हे और तब दिल्ली में एकदम कडाके की
ठंडी पड़ रही थी. एक दिन मैंने एक नयी लड़की को अपनी जिम में देखा और वही इस
कहानी की हिरोइन हे.
उसने तब ब्लेक टाईट टॉप और लेगिंग पहनी हुई थी. और इस कपड़ो में उसके बदन के कर्व्स आराम से दिख रहे थे. उसके बूब्स एकदम बड़े 34D साइज़ के और उसकी गांड की साइज़ 36 इंच की थी. उसके बूब्स और गांड को देख के मेरा लंड तो जैसे सलामी दे रहा था. मेरी फिजिक भी सही हे और काफी लोग मेरे से टिप्स भी मांगते हे.
और फिर एक दिन जैसे चमत्कार हो गया. वो सामने से ही मेरे पास मुझे मिलने के लिए आई. मैं ट्रेनर हूँ और उसे हिप्स की एक्सरसाइज में मेरी मदद चाहिए थी. उसने अपनानाम बताया और हाथ लम्बा किया. मैंने हेंड शेक कर लिया. उसका नाम याशिका था.
मैं उसे हेल्प करने लगा एक्सरसाइज में. और उसे सिखाते हुए मैं उसके बदन को जानबूझ के अपने लंड से टच भी करवा रहा था. अपनी गांड के ऊपर मेरा लंड उसको भी फिल हो रहा था. और शायद उसको उसमे मजा भी आ रहा था.
कुछ ही दिनों में हम अछ्छे दोस्त भी बन गए. और फिर हम बहार भी मिलने लगे. एक दिन हम साथ में थे और अचानक से बिन मौसम का बरसात आ गया. मैंने उसको कहा की चलो मैं तुम्हे घर छोड़ दूँ वरना तुम बरसात में फंसी रहोगी.
मैंने अपनी बाईक के ऊपर उसे उसके घर पर छोड़ा. हम दोनों पुरे भीग चुके थे. और उसने मुझे अपने घर पर रुकने के लिए कहा. मैं अपनी जींस और टी शर्ट निकाली और सोफे के ऊपर बैठ गया.
कुछ देर में जब वो वपास आई तो उसने एक नाईट गाउन पहना हुआ था और उसके हाथ में कोफ़ी थी. उसे ऐसे देख के मेरी अंडरवेर के अन्दर तम्बू बन चूका था. और उसने वहां देखा और स्माइल देने लगी. हम कोफ़ी पीते हुए चिटचैट करने लगे.
फिर मैंने उसको कहा की मैंने तुम्हारे जैसा सेक्सी पहले कभी नहीं देखा. मैंने उसे कहा की तुम सच में बड़ी अमेजिंग लगती हो. उसने कहा सच में? मेरे में ऐसा क्या अमेजिंग हे? मैंने भी एकदम बिंदास्त कहा की तुम्हारे बूब्स!
उसने स्माइल दी और कहा सच में? मैंने कहा हां. उसने फिर कहा तुमको देखने हे? मैं तो सच में उसी मोमेंट के आने की वेट में था. उसके मुहं से सुनते ही मैंने उसे अपनी तरफ खिंच लिया. मैंने उसके बूब्स को गाउन से बहार निकाला. वो एकदम गोरा और सॉफ्ट था. मैंने उसे धीरे से दबाना चालू कर दिया. मैंने उसे कहा, तुम्हारे पास सच में सेक्सी और हॉट बूब्स हे. वो हंस पड़ी.
मैं उसके निपल्स को लिक करने लगा और वो मोअन कर रही थी. मैं बूब्स को लिक्क और बाईट कर रहा था और दुसरे हाथ से मैं बूब्स को दबा रहा था.
करीब 10 मिनिट के बाद मेरी नजर उसके ज्युसी लिप्स के ऊपर पड़ी. मैंने उसके लिप्स को चूसा और वो भी मुझे सपोर्ट कर रही थी. मैंने अब उसका नाईटगाउन पूरा उतार दिया. और उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई थी. मैं उसके लिप्स को चूस रहा था और धीरे से मेरी उंगलिया उसकी चूत की तरफ चल पड़ी.
मेरे सेडयूज करने की वजह से उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी. मैंने धीरे से ऊँगली को उसकी चूत पर दबा के जी स्पॉट के ऊपर लगा दिया. चूत का ये हिस्सा एकदम हॉट होता हे जहाँ पर टच करने से भी औरत एकदम चुदासी हो जाती हे.
मैंने उसे सोफे के ऊपर लिटाते हुए उसको किस किया. और अब वो अपनी चूत को एकदम बेताबी से मेरे लंड के ऊपर घिस रही थी. और जब उस से कंट्रोल नहीं हुआ तो उसने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया और मुझे चूत को चोदने के लिए कहा.
वो पहले से मेरे ऊपर थी. मैंने उसको कमर से पकड़ा और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. एक ही पावरफुल झटके में मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और उसके मुहं से जोर की चीख निकल गई. और मैं एक के बाद एक झटके देने लगा चूत के अन्दर.
और दो मिनिट की चुदाई के अन्दर ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. लेकिन मैं उसे चोदता रहा. मेरे लंड के निचे के बॉल्स उसकी चूत से टकरा रहे थे और उसे बड़ा मज़ा आ रहा था. और जब भी बॉल्स उसकी चूत से टकराते थे तो वो एकदम जोर जोर से कराह रही थी. वो मोअन करते हुए मुझे चोदने के लिए मिन्नते कर रही थी.
20 मिनिट की हार चुदाई के बाद उसने मुझे एकदम टाईट पकड़ लिया. मैं समझ गया की वो फिर से झड़ने वाली थी. इसलिए मैंने एकदम पॉवरफुल झटके देने चालु कर दिए और उसने अपना पानी छोड़ दिया. वो थक चुकी थी लेकिन मेरा पानी अभी नहीं निकला था. मई उसे और चोदना चाहता था लेकिन उसके पहले मैंने उसकी चूत के रस चाटने को सोचा.
मैंने अपनी जबान को उसकी चूत के ऊपर लगा दिया और उसके रसों को चाटने लगा जो बहार आ रहे थे. उसकी चूत के साथ साथ मैंने उसकी गांड भी चाट ली. और तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया. मैंने सोचा की इसकी चूत इतनी सेक्सी हे तो गांड मारने में कितनी मजा आएगी. मैंने हौले से अपनी एक ऊँगली को उसकी गांड के होल में डाला. उसकी गांड वर्जीन होने की वजह से एकदम टाईट थी.
वो गांड में ऊँगली करने की वजह से एकदम चौंक गई और बोली प्लीज ऊंगली निकालो. उसने पहले पीछे नहीं किया था इसलिए उसे दर्द का डर लग रहा था. लेकिन मैं उसे छोड़ने के मूड में नहीं था. मैंने उसे 2 मिनिट तक किस किया और फिर उसको मेरे ऊपर भरोसा करने के लिए कहा. मैंने वेसेलिन लिया और उसकी गांड के ऊपर मसाज करने लगा. मैंने थोडा वेसेलिन उसकी गांड में भी डाला. और मैंने याशिका को अपने लंड चूसने के लिए कहा. वो लंड चूसने की एक्सपर्ट थी जो मजे से लंड को चूस रही थी. मैंने उसके साथ 69 पोजीशन बना ली. वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था.
उसने गले तक लंड को भर के ऐसे चुस्से लगाये की मैं जैसे पागल हो रहा था. पहले मेरे लंड को ऐसे कभी नहीं चूसा था. कुछ मिनिट के बाद मैंने पोजीशन बनाई. वो गांड में लेने के ख़याल से डर सी रही थी. मैंने उसकी कमर को पकड़ा और उसकी टांगो को अपनी कमर के दोनों तरफ लगा दिया. और फिर मैंने हलके से अपने लंड को उसकी गांड में डाल दिया. एक धक्के में 2 इंच जितना लंड घुस गया और वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह कर के कराह उठी.
मैंने और धक्का लगा के 3 इंच से ज्यादा लंड को अन्दर कर दिया और वो मुझे निकालने के लिए रिक्वेस्ट कर रही थी. मैंने एक पॉवरफुल स्ट्रोक लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी गांड में था. उसको बहुत दर्द हो रहा था. उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे. मैंने उसके लिप्स को अपने लिप्स से लगाए और चूसने लगा. और अपने हाथ से मैं उसके बूब्स को मसल रहा था. मैं धीरे धीरे से धक्के दे रहा था और वो जोर जोर से मोअन कर रही थी.
लेकिन अब वो मुझे सपोर्ट कर रही थी और मैं उसकी गांड को खंगाल रहा था. वो अपनी गांड को जोर जोर से हिला रही थी. अब उसे दर्द नहीं हो रहा था. हम दोनों चुदाई की आवाजें निकाल रहे थे जो कमरे में गूंज रही थी. वो कह रही थी, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह फक मी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह!
मेरे लंड का पानी याशिका की गांड में ही निकल गया. उसने मुझे बताया की उसकी लाइफ का वो सब से अच्छा सेक्स सेशन था.
उसने तब ब्लेक टाईट टॉप और लेगिंग पहनी हुई थी. और इस कपड़ो में उसके बदन के कर्व्स आराम से दिख रहे थे. उसके बूब्स एकदम बड़े 34D साइज़ के और उसकी गांड की साइज़ 36 इंच की थी. उसके बूब्स और गांड को देख के मेरा लंड तो जैसे सलामी दे रहा था. मेरी फिजिक भी सही हे और काफी लोग मेरे से टिप्स भी मांगते हे.
और फिर एक दिन जैसे चमत्कार हो गया. वो सामने से ही मेरे पास मुझे मिलने के लिए आई. मैं ट्रेनर हूँ और उसे हिप्स की एक्सरसाइज में मेरी मदद चाहिए थी. उसने अपनानाम बताया और हाथ लम्बा किया. मैंने हेंड शेक कर लिया. उसका नाम याशिका था.
मैं उसे हेल्प करने लगा एक्सरसाइज में. और उसे सिखाते हुए मैं उसके बदन को जानबूझ के अपने लंड से टच भी करवा रहा था. अपनी गांड के ऊपर मेरा लंड उसको भी फिल हो रहा था. और शायद उसको उसमे मजा भी आ रहा था.
कुछ ही दिनों में हम अछ्छे दोस्त भी बन गए. और फिर हम बहार भी मिलने लगे. एक दिन हम साथ में थे और अचानक से बिन मौसम का बरसात आ गया. मैंने उसको कहा की चलो मैं तुम्हे घर छोड़ दूँ वरना तुम बरसात में फंसी रहोगी.
मैंने अपनी बाईक के ऊपर उसे उसके घर पर छोड़ा. हम दोनों पुरे भीग चुके थे. और उसने मुझे अपने घर पर रुकने के लिए कहा. मैं अपनी जींस और टी शर्ट निकाली और सोफे के ऊपर बैठ गया.
कुछ देर में जब वो वपास आई तो उसने एक नाईट गाउन पहना हुआ था और उसके हाथ में कोफ़ी थी. उसे ऐसे देख के मेरी अंडरवेर के अन्दर तम्बू बन चूका था. और उसने वहां देखा और स्माइल देने लगी. हम कोफ़ी पीते हुए चिटचैट करने लगे.
फिर मैंने उसको कहा की मैंने तुम्हारे जैसा सेक्सी पहले कभी नहीं देखा. मैंने उसे कहा की तुम सच में बड़ी अमेजिंग लगती हो. उसने कहा सच में? मेरे में ऐसा क्या अमेजिंग हे? मैंने भी एकदम बिंदास्त कहा की तुम्हारे बूब्स!
उसने स्माइल दी और कहा सच में? मैंने कहा हां. उसने फिर कहा तुमको देखने हे? मैं तो सच में उसी मोमेंट के आने की वेट में था. उसके मुहं से सुनते ही मैंने उसे अपनी तरफ खिंच लिया. मैंने उसके बूब्स को गाउन से बहार निकाला. वो एकदम गोरा और सॉफ्ट था. मैंने उसे धीरे से दबाना चालू कर दिया. मैंने उसे कहा, तुम्हारे पास सच में सेक्सी और हॉट बूब्स हे. वो हंस पड़ी.
मैं उसके निपल्स को लिक करने लगा और वो मोअन कर रही थी. मैं बूब्स को लिक्क और बाईट कर रहा था और दुसरे हाथ से मैं बूब्स को दबा रहा था.
करीब 10 मिनिट के बाद मेरी नजर उसके ज्युसी लिप्स के ऊपर पड़ी. मैंने उसके लिप्स को चूसा और वो भी मुझे सपोर्ट कर रही थी. मैंने अब उसका नाईटगाउन पूरा उतार दिया. और उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई थी. मैं उसके लिप्स को चूस रहा था और धीरे से मेरी उंगलिया उसकी चूत की तरफ चल पड़ी.
मेरे सेडयूज करने की वजह से उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी. मैंने धीरे से ऊँगली को उसकी चूत पर दबा के जी स्पॉट के ऊपर लगा दिया. चूत का ये हिस्सा एकदम हॉट होता हे जहाँ पर टच करने से भी औरत एकदम चुदासी हो जाती हे.
मैंने उसे सोफे के ऊपर लिटाते हुए उसको किस किया. और अब वो अपनी चूत को एकदम बेताबी से मेरे लंड के ऊपर घिस रही थी. और जब उस से कंट्रोल नहीं हुआ तो उसने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया और मुझे चूत को चोदने के लिए कहा.
वो पहले से मेरे ऊपर थी. मैंने उसको कमर से पकड़ा और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. एक ही पावरफुल झटके में मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और उसके मुहं से जोर की चीख निकल गई. और मैं एक के बाद एक झटके देने लगा चूत के अन्दर.
और दो मिनिट की चुदाई के अन्दर ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. लेकिन मैं उसे चोदता रहा. मेरे लंड के निचे के बॉल्स उसकी चूत से टकरा रहे थे और उसे बड़ा मज़ा आ रहा था. और जब भी बॉल्स उसकी चूत से टकराते थे तो वो एकदम जोर जोर से कराह रही थी. वो मोअन करते हुए मुझे चोदने के लिए मिन्नते कर रही थी.
20 मिनिट की हार चुदाई के बाद उसने मुझे एकदम टाईट पकड़ लिया. मैं समझ गया की वो फिर से झड़ने वाली थी. इसलिए मैंने एकदम पॉवरफुल झटके देने चालु कर दिए और उसने अपना पानी छोड़ दिया. वो थक चुकी थी लेकिन मेरा पानी अभी नहीं निकला था. मई उसे और चोदना चाहता था लेकिन उसके पहले मैंने उसकी चूत के रस चाटने को सोचा.
मैंने अपनी जबान को उसकी चूत के ऊपर लगा दिया और उसके रसों को चाटने लगा जो बहार आ रहे थे. उसकी चूत के साथ साथ मैंने उसकी गांड भी चाट ली. और तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया. मैंने सोचा की इसकी चूत इतनी सेक्सी हे तो गांड मारने में कितनी मजा आएगी. मैंने हौले से अपनी एक ऊँगली को उसकी गांड के होल में डाला. उसकी गांड वर्जीन होने की वजह से एकदम टाईट थी.
वो गांड में ऊँगली करने की वजह से एकदम चौंक गई और बोली प्लीज ऊंगली निकालो. उसने पहले पीछे नहीं किया था इसलिए उसे दर्द का डर लग रहा था. लेकिन मैं उसे छोड़ने के मूड में नहीं था. मैंने उसे 2 मिनिट तक किस किया और फिर उसको मेरे ऊपर भरोसा करने के लिए कहा. मैंने वेसेलिन लिया और उसकी गांड के ऊपर मसाज करने लगा. मैंने थोडा वेसेलिन उसकी गांड में भी डाला. और मैंने याशिका को अपने लंड चूसने के लिए कहा. वो लंड चूसने की एक्सपर्ट थी जो मजे से लंड को चूस रही थी. मैंने उसके साथ 69 पोजीशन बना ली. वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था.
उसने गले तक लंड को भर के ऐसे चुस्से लगाये की मैं जैसे पागल हो रहा था. पहले मेरे लंड को ऐसे कभी नहीं चूसा था. कुछ मिनिट के बाद मैंने पोजीशन बनाई. वो गांड में लेने के ख़याल से डर सी रही थी. मैंने उसकी कमर को पकड़ा और उसकी टांगो को अपनी कमर के दोनों तरफ लगा दिया. और फिर मैंने हलके से अपने लंड को उसकी गांड में डाल दिया. एक धक्के में 2 इंच जितना लंड घुस गया और वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह कर के कराह उठी.
मैंने और धक्का लगा के 3 इंच से ज्यादा लंड को अन्दर कर दिया और वो मुझे निकालने के लिए रिक्वेस्ट कर रही थी. मैंने एक पॉवरफुल स्ट्रोक लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी गांड में था. उसको बहुत दर्द हो रहा था. उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे. मैंने उसके लिप्स को अपने लिप्स से लगाए और चूसने लगा. और अपने हाथ से मैं उसके बूब्स को मसल रहा था. मैं धीरे धीरे से धक्के दे रहा था और वो जोर जोर से मोअन कर रही थी.
लेकिन अब वो मुझे सपोर्ट कर रही थी और मैं उसकी गांड को खंगाल रहा था. वो अपनी गांड को जोर जोर से हिला रही थी. अब उसे दर्द नहीं हो रहा था. हम दोनों चुदाई की आवाजें निकाल रहे थे जो कमरे में गूंज रही थी. वो कह रही थी, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह फक मी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह!
मेरे लंड का पानी याशिका की गांड में ही निकल गया. उसने मुझे बताया की उसकी लाइफ का वो सब से अच्छा सेक्स सेशन था.
मंजू का पालतू कुत्ता बन के उसका पेशाब पी लिया
दोस्तों ये कहानी मेरी लाइफ की रियल घटना हे. इसमें मैं आप को
बता रहा हूँ की कैसे एक मिडल एज लेडी ने कैसे मुझे डोमिनेट कर के चुदवाया
था. मैं 29 साल का हूँ और इस चुदाई से पहले तक वर्जिन था. मेरा वेट 70 किलो
हे और मेरे लंड की लम्बाई साड़े पांच इंच हे. मैं बंगलौर में काम करता हूँ
एक बेंक में. मुझे अच्छा लगता हे जब कोई औरत मुझे डोमिनेट करें, यु कहें की
यही मेरी फेंटसी थी. अपनी जवानी के दिनों से ही मैं मच्योर लेडिज जैसे की
भाभियों और आंटियों के प्रति आकर्षित था.
ये मेरा अनुभव एक बस की जर्नी से चालु हुआ था. मैं बंगलौर से हैदराबाद जा रहा था. मैंने मजेस्टीक से वोल्वो बस में बुकिंग करवाया हुआ था. और अगले पिकअप से एक लेडी बस में चढ़ी और मेरी बगल की सिट में बैठ गई. उसने चूड़ीदार पहना हुआ था. वो अपनी तीसी में थी और उसका फिगर करीब 36 30 36 का था. और देखने में वो थोड़ी सांवली सी थी. उसके बाल लम्बे और घुंघराले थे.
जब बस चली तो उसका हाथ मेरी तरफ आ गया और मेरे शैतानी दिमाग में गंदे ख़याल आने लगे. मैं सोच रहा था की कैसे बात चालू करूँ उसके साथ. मैंने इस लेडी को उसका नाम वगेराह पूछा. उसने जवाब दिया और फिर से चूप हो गई. उसका नाम मंजू था और वो एक एमएनसी में फ्रंट डेस्क पर काम करती थी. वो अपने पति से मिलने के लिए हैदराबाद जा रही थी और उसके अभी बच्चे नहीं थे.
इसी बिच हमारे हाथ एक दुसरे से टच होते रहे. और मुझे इस वजह से बड़ा मजा आने लगा था. मैं बार बार हाथ को उसकी बॉडी से टच कराता रहता था. मेरा लंड भी जाग चूका था. और फिर कुछ देर में उसे नींद आई और वो मेरे कंधे के ऊपर सो गई. मैंने भी सही मौका देखा और कुछ देर में मैं भी उसके ऊपर ही सो गया. साला पूरी रात मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और नींद भी आ गई इसलिए कुछ कर नहीं सका. कुछ ही देर में बस मंजिल को पहुंचनी थी तब हम दोनों ने अपने नम्बर्स एक्चेंज कर लिए.
मुझे हैदराबाद में दो दिन का काम था उसके बाद में मैं वापस बंगलौर आ गया. मुझे याद था की मंजू मेरे आने के दो दिन के बाद आनेवाली थी. मैंने दो दिन के बाद लेट इवनिंग में उसे व्हाट्सएप्प मेसेज किया.
और तुरंत उसका जवाब भी आ गया. वो व्हाट्सएप्प पर लम्बी लम्बी बातें कर रही थी. कुछ समय पर्सनल चीजे और क्या करते हो कहा रहते हो चला. वो बातचीत से थोड़ी घमंडी और कंट्रोल वाली लग रही थी. जो की मुझे अच्छा भी लगा. फिर हमारी बातें सेक्स के टोपिक के ऊपर भी होने लगी. मंजू ने कहा की वो टॉर्चर वाला सेक्स पसंद करती हे और उसका हसबंड वो सब करता नहीं हे इसलिए वो प्यासी रह जाती हे.
उसने मेरी सेक्स लाइफ के बारे में पूछा और मैंने कहा की मुझे सेक्स करने का चांस ही नहीं मिला हे. वो हंस पड़ी और उसने मेरी सेक्स रिलेटेड फेंटसी के बारे में पूछा.
मैं: मैं लड़की के हाथ का खिलौना बनना चाहता हूँ.
वो हंस पड़ी और बोली, गुड.
मैं: मैं चाहता हूँ की सेक्स में लड़कियां मुझे मारे और पेन दे सेक्स के अंदर.
मंजू: अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे दर्द दे सकती हूँ.
और ये कह के वो हंस पड़ी.
मैं: अच्छी बात हे ना!
उसने कहा: वैसे तुम्हे ये सब आइडिया कहाँ से आता हे.
मैंने कहा: पोर्न के विडियोस देख के. और ये कह के मैंने उसे व्हाट्सएप्प के ऊपर लिंक भेज दी एक bdsm वीडियो की. उस वीडियो में एक लड़का एक लड़की को मार मार के उसके साथ सेक्स का रहा था.
अगले दिन उसने कहा वो वीडियो मस्त था और वो खुद भी ऐसे ही अपने हसबंड को मार मार के उसका लंड लेना चाहती हे. मैं हंस पड़ा और उसे कहा की तुम अपने हसबंड को ऐसे टॉर्चर कर ही नहीं सकती. लेकिन अगर तुम मुझे टॉर्चर करना चाहो तो मैं भी एन्जॉय कर लूँगा.
वो: अगर तुम मेरे हसबंड होते तो मैं तुम्हे टॉर्चर करता.
मैं: तो फिर सोच लो की मैं तुम्हारा हसबंड हूँ.
वो हंस के बोली: ठीक हे!
और फिर कुछ देर दिनों तक हम दोनों व्हाट्सएप्प के ऊपर यही रोल-प्ले करते रहे. वो मेरी बीवी थी जो मेरे हर सेक्सुअल एक्ट में मुझे अपना गुलाम बनाती थी और मेरे ऊपर डोमिनेट करती थी. वो मुझे गन्दी गन्दी गालियाँ देती थी. वो मेरे लंड के ऊपर भी सवाल करती थी.
ऐसे करते हुए दो महीने बिट गए. वो अपने हसबंड को इसके बिच में तिन बार मिल के आई. फिर हम दोनों ने एक संडे को मिलने का प्लान बनाया. उसने टॉप और ब्ल्यू डेनिम की जींस पहनी हुई थी. उस दिन बस में मिली थी उस से काफी अलग ही लग रही थी मंजू आज तो. हमने ऑलमोस्ट दो घंटे तक एक केफेटेरिया में बातें की.
और फिर वो अपने घर चली गई. उसी शाम को उसका मेसेज आया की वो जो हम रोल-प्ले में करते थे वो रियल में करना चाहती हे. मैंने एक पल भी सोचे बिना उसको हाँ कर दिया. और फिर अगले संडे को मैंने एक होटल बुक करने को कहा. तो उसने कहा नहीं तुम कल के दिन में ही होटल बुक करो हो सके तो अपनी ऑफिस से छुट्टी ले लो.
मैंने एक 4 स्टार होटल में कमरा बुक कर लिया. और वो 10 बजे शार्प आ भी गई. उसने लो नेक ब्लाउज पहना था और उपर एक सेमी-ट्रांसपरेंट साडी पहनी हुई थी उसने. वो बोली देखो मैं तुम्हे मारूंगी, कुटुन्गी लेकिन तुम मुझे मेम ही कहोगे, मंजू नहीं. मैंने कहा ठीक हे.
वो बोली, चलो अपने कपडे खोलो और पेंटी में आ जाओ.
मैं अपनी जोकि के सिवा बाकी के सभी कपडे निकाल दिए. उसने मुझे कहा की उलटे हो जाओ. मेरे उलटे होते ही वो मेरी गांड के ऊपर एक चमड़े के बेल्ट से जोर जोर से मारने लगी. मैं दर्द की वजह से मोअन कर रहा था.
मंजू: साले कुत्ते मोअन करना बंद कर हरामी.
मैं: मेम बहुत पेन हो रहा हे मुझे.
मंजू: साले तू मेरा गुलाम हे और अगर तूने अब मोअन किया तो अपनी पेंटी मैं तेरे मुहं में ठूंस दूंगी.
मैं: मेडम आप की पेंटी तो मैं वैसे भी अपने मुहं में लेना चाहता हूँ. और मुहं में देने से पहले प्लीज़ अपनी पेंटी में थोडा पेशाब कर देना.
वो एक्साइट हो गई और उठ के बाथरूम में चली गई. जब वो वापस आई तो उसके हाथ में पेंटी थी जो पेशाब से भरी हुई थी. और आते ही उसने वो पेंटी को मेरे मुहं में डाल दिया. उसका पेशाब मेरे चहरे पर और मुहं में चला गया. फिर उसने मुझे कहा की बिस्तर में लेट जाओ तुम. और फिर से वो मेरी गांड के ऊपर चमड़े के बेल्ट से मारने लगी. इस चाबुक जैसे प्रहारों से मेरी गांड वाला हिस्सा एकदम लाल हो चूका था और मुझे दर्द भी हो रहा थे. पेंटी मुहं में होने की वजह से मेरी मोअन बहार नहीं आ रहा था. मैंने उसकी पेंटी को काटा और उसके पेशाब को पिने लगा.
एक झटके से अपनी पेशाब वाली पेंटी मेरे मुहं से निकाल ली. फिर उसने मुझे अपनी पाँव की ऊँगली मुहं में देते हुए कहा, ले मेरे कुत्ते चाट मेरी पाँव की ऊँगली को और फिर वो मेरे बाल पकड़ के एक एक कर के सब उंगलियाँ चटवाने लगी. फिर वो बोली चल अब खड़ा हो और मेरी गांड को चाट साले कुत्ते.
मैने कहा, हां मेम.
फिर मैं साडी के ऊपर से ही उसकी गांड को चाटने लगा. वाऊ क्या मजा आ रहा था मंजू की बड़ी गांड को चाटने में, प्लीजर मिल रहा था मुझे.
फिर वो बोली जाओ बाथरूम में चले जाओ मैं कुछ ऑर्डर करती हूँ. उसने बेल्ट को मेरे गले में अपने पालतू कुत्ते के जैसे लटका दिया. फिर उसने कोफ़ी मंगवाई एक ही कप. उसने कोफ़ी के कप में दो सिप बचाए और फिर उसके अंदर थूंक दिया. फिर अपनी चूत में से पेशाब की कुछ बुँदे भी उसमे निकाली और मुझे दे दी और बोली, मेडम ने स्पेशियल कोफ़ी बनाई हे पी जाओ.
मैं उस कोफ़ी को पी गया. फिर उसने बहुत बार मेरे चहरे के ऊपर थूंक दिया.
फिर मैं उसे ले के बाथरूम में गया और मैंने उसे साडी खोलने के लिए विनंती की. उसने अपना पल्लू हटाया और उसके बड़े बूब्स ब्लाउज में दिखे. मैंने उसके बूब्स पकडे तो उसने मुझे कस के ऐसा तमाचा मारा की मुझे दिन में भी तारे दिख गए. वो बोली, साले कुत्ते मैं कहूँ ना तब तक कुछ नहीं करेगा तू. मैंने कहा सोरी मेम. उसने फिर एक तमाचा मारा और बोली, चल अब अपनी चड्डी खोल दे.
मैंने चड्डी खोल के पूरा नंगा खड़ा था उसके सामने. उसने बोला, अब बोल क्या चाहिए तुझे?
मैंने कहा मेम मुझे आप का पेशाब पीना हे. बहुत प्यास लगी हे मुझे.
उसने अपना पेटीकोट और ब्लाउज निकाला और टॉयलेट की सिट के ऊपर बैठ गई. उसकी ब्रा अभी भी बूब्स के ऊपर थी. उसने मुझे अपनी चूत के पास बुलाया. और उसने कहा, प्यासे हो?. मैंने कहा हां मेडम और ये कह के मैं अपनी जबान को उसकी चूत पर लगा दिया. उसकी चूत से पेशाब की धार निकल पड़ी और इम्रे पुरे बदन को गन्दा करने लगी. उसने कहा साले मुहं खोल हरामी और सब पी जा. मैंने मुहं खोला और उसने धार को मेरे मुहं में ही मारा. उसने मेरे बाल पकडे और अपनी चूत को मेरे मुहं पर घिस के सब पेशाब पिला दिया मुझे. उसका पेशाब एकदम खारा और स्वादिष्ट था.
फिर उसने अपनी चूत के ऊपर थूंक दिया और बोली चाट इसको. मैं 30 मिनिट तक उसकी चूत को चुस्त रहा और उसके बिच में वो दो बार झड़ गई थी. उसने मुझे अपना सब चूतरस भी पिला दिया.
फिर उसने मुझे कहा की चल अब मेरी निपल्स को प्यार कर. और मैंने ऐसे ही किया. वो बोली ला अब मैं तेरी निपल्स को प्यार देती हूँ. लेकिन वो प्यार नहीं पेन दे रही थी. अपनी दो ऊँगली में ऐसे दबा रही थी की मेरी निपल एकदम ही सूज गई. उसे ये सब देख के बहुत मजा आया.
फिर उसने मेरा लंड पकड़ के कहा, मुहं में ले लूँ?
मैंने कहा, प्लीज़ मेम.
उसने लंड मुहं में ले के चूसा और हिलाने लगी. वो अन्डो को ऐसे मरोड़ रही थी की उन्हें तोड़ के खाने हो. और मेरे लंड के ऊपर अपने दांत गड़ा के वो पेन दे रही थी मुझे.
कुछ देर लंड सक करने के बाद वो टॉयलेट की सिट पर घोड़ी बनी और बोली, चल अब चोद ले अपनी मेडम की चूत को!
मैंने जल्दी से अपने लंड को उसकी चूत में डाला और चोदने लगा. वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करते हुए गांड हिलाती गई और मैं उसको चोदता रहा. मेरा पानी उसकी चूत में निकाला और फिर वो बोली, चल अब मुहं खोल के निचे लेट जा.
उसने फिर से पेशाब किया मेरे मुहं में और अब उसके साथ मेरे अपने वीर्य के लम्प्स भी साथ में आ रहे थे….!
ये मेरा अनुभव एक बस की जर्नी से चालु हुआ था. मैं बंगलौर से हैदराबाद जा रहा था. मैंने मजेस्टीक से वोल्वो बस में बुकिंग करवाया हुआ था. और अगले पिकअप से एक लेडी बस में चढ़ी और मेरी बगल की सिट में बैठ गई. उसने चूड़ीदार पहना हुआ था. वो अपनी तीसी में थी और उसका फिगर करीब 36 30 36 का था. और देखने में वो थोड़ी सांवली सी थी. उसके बाल लम्बे और घुंघराले थे.
जब बस चली तो उसका हाथ मेरी तरफ आ गया और मेरे शैतानी दिमाग में गंदे ख़याल आने लगे. मैं सोच रहा था की कैसे बात चालू करूँ उसके साथ. मैंने इस लेडी को उसका नाम वगेराह पूछा. उसने जवाब दिया और फिर से चूप हो गई. उसका नाम मंजू था और वो एक एमएनसी में फ्रंट डेस्क पर काम करती थी. वो अपने पति से मिलने के लिए हैदराबाद जा रही थी और उसके अभी बच्चे नहीं थे.
इसी बिच हमारे हाथ एक दुसरे से टच होते रहे. और मुझे इस वजह से बड़ा मजा आने लगा था. मैं बार बार हाथ को उसकी बॉडी से टच कराता रहता था. मेरा लंड भी जाग चूका था. और फिर कुछ देर में उसे नींद आई और वो मेरे कंधे के ऊपर सो गई. मैंने भी सही मौका देखा और कुछ देर में मैं भी उसके ऊपर ही सो गया. साला पूरी रात मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और नींद भी आ गई इसलिए कुछ कर नहीं सका. कुछ ही देर में बस मंजिल को पहुंचनी थी तब हम दोनों ने अपने नम्बर्स एक्चेंज कर लिए.
मुझे हैदराबाद में दो दिन का काम था उसके बाद में मैं वापस बंगलौर आ गया. मुझे याद था की मंजू मेरे आने के दो दिन के बाद आनेवाली थी. मैंने दो दिन के बाद लेट इवनिंग में उसे व्हाट्सएप्प मेसेज किया.
और तुरंत उसका जवाब भी आ गया. वो व्हाट्सएप्प पर लम्बी लम्बी बातें कर रही थी. कुछ समय पर्सनल चीजे और क्या करते हो कहा रहते हो चला. वो बातचीत से थोड़ी घमंडी और कंट्रोल वाली लग रही थी. जो की मुझे अच्छा भी लगा. फिर हमारी बातें सेक्स के टोपिक के ऊपर भी होने लगी. मंजू ने कहा की वो टॉर्चर वाला सेक्स पसंद करती हे और उसका हसबंड वो सब करता नहीं हे इसलिए वो प्यासी रह जाती हे.
उसने मेरी सेक्स लाइफ के बारे में पूछा और मैंने कहा की मुझे सेक्स करने का चांस ही नहीं मिला हे. वो हंस पड़ी और उसने मेरी सेक्स रिलेटेड फेंटसी के बारे में पूछा.
मैं: मैं लड़की के हाथ का खिलौना बनना चाहता हूँ.
वो हंस पड़ी और बोली, गुड.
मैं: मैं चाहता हूँ की सेक्स में लड़कियां मुझे मारे और पेन दे सेक्स के अंदर.
मंजू: अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे दर्द दे सकती हूँ.
और ये कह के वो हंस पड़ी.
मैं: अच्छी बात हे ना!
उसने कहा: वैसे तुम्हे ये सब आइडिया कहाँ से आता हे.
मैंने कहा: पोर्न के विडियोस देख के. और ये कह के मैंने उसे व्हाट्सएप्प के ऊपर लिंक भेज दी एक bdsm वीडियो की. उस वीडियो में एक लड़का एक लड़की को मार मार के उसके साथ सेक्स का रहा था.
अगले दिन उसने कहा वो वीडियो मस्त था और वो खुद भी ऐसे ही अपने हसबंड को मार मार के उसका लंड लेना चाहती हे. मैं हंस पड़ा और उसे कहा की तुम अपने हसबंड को ऐसे टॉर्चर कर ही नहीं सकती. लेकिन अगर तुम मुझे टॉर्चर करना चाहो तो मैं भी एन्जॉय कर लूँगा.
वो: अगर तुम मेरे हसबंड होते तो मैं तुम्हे टॉर्चर करता.
मैं: तो फिर सोच लो की मैं तुम्हारा हसबंड हूँ.
वो हंस के बोली: ठीक हे!
और फिर कुछ देर दिनों तक हम दोनों व्हाट्सएप्प के ऊपर यही रोल-प्ले करते रहे. वो मेरी बीवी थी जो मेरे हर सेक्सुअल एक्ट में मुझे अपना गुलाम बनाती थी और मेरे ऊपर डोमिनेट करती थी. वो मुझे गन्दी गन्दी गालियाँ देती थी. वो मेरे लंड के ऊपर भी सवाल करती थी.
ऐसे करते हुए दो महीने बिट गए. वो अपने हसबंड को इसके बिच में तिन बार मिल के आई. फिर हम दोनों ने एक संडे को मिलने का प्लान बनाया. उसने टॉप और ब्ल्यू डेनिम की जींस पहनी हुई थी. उस दिन बस में मिली थी उस से काफी अलग ही लग रही थी मंजू आज तो. हमने ऑलमोस्ट दो घंटे तक एक केफेटेरिया में बातें की.
और फिर वो अपने घर चली गई. उसी शाम को उसका मेसेज आया की वो जो हम रोल-प्ले में करते थे वो रियल में करना चाहती हे. मैंने एक पल भी सोचे बिना उसको हाँ कर दिया. और फिर अगले संडे को मैंने एक होटल बुक करने को कहा. तो उसने कहा नहीं तुम कल के दिन में ही होटल बुक करो हो सके तो अपनी ऑफिस से छुट्टी ले लो.
मैंने एक 4 स्टार होटल में कमरा बुक कर लिया. और वो 10 बजे शार्प आ भी गई. उसने लो नेक ब्लाउज पहना था और उपर एक सेमी-ट्रांसपरेंट साडी पहनी हुई थी उसने. वो बोली देखो मैं तुम्हे मारूंगी, कुटुन्गी लेकिन तुम मुझे मेम ही कहोगे, मंजू नहीं. मैंने कहा ठीक हे.
वो बोली, चलो अपने कपडे खोलो और पेंटी में आ जाओ.
मैं अपनी जोकि के सिवा बाकी के सभी कपडे निकाल दिए. उसने मुझे कहा की उलटे हो जाओ. मेरे उलटे होते ही वो मेरी गांड के ऊपर एक चमड़े के बेल्ट से जोर जोर से मारने लगी. मैं दर्द की वजह से मोअन कर रहा था.
मंजू: साले कुत्ते मोअन करना बंद कर हरामी.
मैं: मेम बहुत पेन हो रहा हे मुझे.
मंजू: साले तू मेरा गुलाम हे और अगर तूने अब मोअन किया तो अपनी पेंटी मैं तेरे मुहं में ठूंस दूंगी.
मैं: मेडम आप की पेंटी तो मैं वैसे भी अपने मुहं में लेना चाहता हूँ. और मुहं में देने से पहले प्लीज़ अपनी पेंटी में थोडा पेशाब कर देना.
वो एक्साइट हो गई और उठ के बाथरूम में चली गई. जब वो वापस आई तो उसके हाथ में पेंटी थी जो पेशाब से भरी हुई थी. और आते ही उसने वो पेंटी को मेरे मुहं में डाल दिया. उसका पेशाब मेरे चहरे पर और मुहं में चला गया. फिर उसने मुझे कहा की बिस्तर में लेट जाओ तुम. और फिर से वो मेरी गांड के ऊपर चमड़े के बेल्ट से मारने लगी. इस चाबुक जैसे प्रहारों से मेरी गांड वाला हिस्सा एकदम लाल हो चूका था और मुझे दर्द भी हो रहा थे. पेंटी मुहं में होने की वजह से मेरी मोअन बहार नहीं आ रहा था. मैंने उसकी पेंटी को काटा और उसके पेशाब को पिने लगा.
एक झटके से अपनी पेशाब वाली पेंटी मेरे मुहं से निकाल ली. फिर उसने मुझे अपनी पाँव की ऊँगली मुहं में देते हुए कहा, ले मेरे कुत्ते चाट मेरी पाँव की ऊँगली को और फिर वो मेरे बाल पकड़ के एक एक कर के सब उंगलियाँ चटवाने लगी. फिर वो बोली चल अब खड़ा हो और मेरी गांड को चाट साले कुत्ते.
मैने कहा, हां मेम.
फिर मैं साडी के ऊपर से ही उसकी गांड को चाटने लगा. वाऊ क्या मजा आ रहा था मंजू की बड़ी गांड को चाटने में, प्लीजर मिल रहा था मुझे.
फिर वो बोली जाओ बाथरूम में चले जाओ मैं कुछ ऑर्डर करती हूँ. उसने बेल्ट को मेरे गले में अपने पालतू कुत्ते के जैसे लटका दिया. फिर उसने कोफ़ी मंगवाई एक ही कप. उसने कोफ़ी के कप में दो सिप बचाए और फिर उसके अंदर थूंक दिया. फिर अपनी चूत में से पेशाब की कुछ बुँदे भी उसमे निकाली और मुझे दे दी और बोली, मेडम ने स्पेशियल कोफ़ी बनाई हे पी जाओ.
मैं उस कोफ़ी को पी गया. फिर उसने बहुत बार मेरे चहरे के ऊपर थूंक दिया.
फिर मैं उसे ले के बाथरूम में गया और मैंने उसे साडी खोलने के लिए विनंती की. उसने अपना पल्लू हटाया और उसके बड़े बूब्स ब्लाउज में दिखे. मैंने उसके बूब्स पकडे तो उसने मुझे कस के ऐसा तमाचा मारा की मुझे दिन में भी तारे दिख गए. वो बोली, साले कुत्ते मैं कहूँ ना तब तक कुछ नहीं करेगा तू. मैंने कहा सोरी मेम. उसने फिर एक तमाचा मारा और बोली, चल अब अपनी चड्डी खोल दे.
मैंने चड्डी खोल के पूरा नंगा खड़ा था उसके सामने. उसने बोला, अब बोल क्या चाहिए तुझे?
मैंने कहा मेम मुझे आप का पेशाब पीना हे. बहुत प्यास लगी हे मुझे.
उसने अपना पेटीकोट और ब्लाउज निकाला और टॉयलेट की सिट के ऊपर बैठ गई. उसकी ब्रा अभी भी बूब्स के ऊपर थी. उसने मुझे अपनी चूत के पास बुलाया. और उसने कहा, प्यासे हो?. मैंने कहा हां मेडम और ये कह के मैं अपनी जबान को उसकी चूत पर लगा दिया. उसकी चूत से पेशाब की धार निकल पड़ी और इम्रे पुरे बदन को गन्दा करने लगी. उसने कहा साले मुहं खोल हरामी और सब पी जा. मैंने मुहं खोला और उसने धार को मेरे मुहं में ही मारा. उसने मेरे बाल पकडे और अपनी चूत को मेरे मुहं पर घिस के सब पेशाब पिला दिया मुझे. उसका पेशाब एकदम खारा और स्वादिष्ट था.
फिर उसने अपनी चूत के ऊपर थूंक दिया और बोली चाट इसको. मैं 30 मिनिट तक उसकी चूत को चुस्त रहा और उसके बिच में वो दो बार झड़ गई थी. उसने मुझे अपना सब चूतरस भी पिला दिया.
फिर उसने मुझे कहा की चल अब मेरी निपल्स को प्यार कर. और मैंने ऐसे ही किया. वो बोली ला अब मैं तेरी निपल्स को प्यार देती हूँ. लेकिन वो प्यार नहीं पेन दे रही थी. अपनी दो ऊँगली में ऐसे दबा रही थी की मेरी निपल एकदम ही सूज गई. उसे ये सब देख के बहुत मजा आया.
फिर उसने मेरा लंड पकड़ के कहा, मुहं में ले लूँ?
मैंने कहा, प्लीज़ मेम.
उसने लंड मुहं में ले के चूसा और हिलाने लगी. वो अन्डो को ऐसे मरोड़ रही थी की उन्हें तोड़ के खाने हो. और मेरे लंड के ऊपर अपने दांत गड़ा के वो पेन दे रही थी मुझे.
कुछ देर लंड सक करने के बाद वो टॉयलेट की सिट पर घोड़ी बनी और बोली, चल अब चोद ले अपनी मेडम की चूत को!
मैंने जल्दी से अपने लंड को उसकी चूत में डाला और चोदने लगा. वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करते हुए गांड हिलाती गई और मैं उसको चोदता रहा. मेरा पानी उसकी चूत में निकाला और फिर वो बोली, चल अब मुहं खोल के निचे लेट जा.
उसने फिर से पेशाब किया मेरे मुहं में और अब उसके साथ मेरे अपने वीर्य के लम्प्स भी साथ में आ रहे थे….!
बुधवार, 22 नवंबर 2017
प्यारी पंजाबन शादीशुदा गर्लफ्रेंड की हिंदी चुदाई स्टोरी
ह हिंदी चुदाई स्टोरी एक पंजाबन लड़की की है.
पिछले साल मैं दिल्ली में जॉब कर रहा था तो वहाँ मेरी मुलाकात एक ऐसी हसीन परी से हुई, जिसका नाम कोमल था। वो पंजाबन थी और आपको तो पता ही है कि पंजाबी लड़कियां कैसी कड़क और एकदम माल जैसी दिखती हैं। कोमल भी एक ऐसी ही हसीना थी, जो उसे एक बार देख लेता.. बस फिर वो उसे देखता ही रहता है। क्या कहूँ उसके बारे में.. बड़ी-बड़ी आँखें, पिंक कलर के होंठ और मदमस्त फिगर तो सन्नी लियोनी से भी अच्छा 32-28-34 का जानलेवा फिगर था। यारों वो चलती-फिरती किलर मशीन थी। उसका रंग तो ऐसा गोरा कि दूध भी शर्मा जाए। बस एक ही दिक्कत थी कि वो शादीशुदा थी। उसकी 3 साल पहले अरेंज मैरिज हो चुकी थी और उसका एक बेबी भी था।
लेकिन समस्या ये थी कि उसका पति उसको सेक्स का सुख तो देता था लेकिन साथ में उसको मारता भी था।
उसकी और मेरी मुलाकात एक दिन जब हुई, जब वो अपनी सहेली से मिलने हमारे ऑफिस आई.. वहाँ आकर वो रोने लगी कि कैसे उसके ससुराल वाले उस पर जुल्म किया करते थे। मैं उसकी बातें वहीं एक तरफ बैठ कर ध्यान से सुनता रहा और बातें सुनने के साथ धीरे-धीरे उसको बार-बार देख भी रहा था।
अचानक उसने मुझे देख लिया कि मैं उसे बार-बार देख रहा हूँ.. मेरी तो गांड ही फट गई थी। मुझे लगा कहीं वो मुझे आकर कुछ बोल ना दे। फिर कुछ देर बाद वो वहाँ से चली गई, लेकिन मैंने देर ना करते हुए उसकी सहेली से उससे फ्रेंडशिप करने के लिए बोला।
बहुत देर तक समझाने के बाद उसकी फ्रेंड मान गई और अगले ही दिन उसने कोमल को बोल दिया कि विराट तुमसे फ्रेंडशिप करना चाहता है।
लेकिन कोमल ने बोला कि क्या उसे पता है कि मेरी शादी हो चुकी है और मेरा बेबी भी है?
उसने कहा- हाँ उसे पता है।
लेकिन फिर भी कोमल ने मना कर दिया।
फिर मैंने उसकी सहेली को बोला कि वो उससे रात में बात करके उसको मेरा नम्बर दे दे और उसकी सहेली ने ऐसा ही किया, उसने कोमल को मेरा नम्बर दे दिया।
फिर दो दिन बाद रात को करीब 11 बजे उसका व्हाटसैप पर मैसेज आया.. मैं समझ गया कि वो भी फ्रेंडशिप करना चाहती है।
हम लोग फिर बातें करने लगे और बात करते-करते रात कब निकल गई.. कुछ पता ही नहीं चला।
फिर अगले दिन उसका कॉल आया और मैंने उससे उसकी मॅरीड लाइफ के बारे में पूछा तो वो रोने लगी। फिर वो रोते हुए अपने पति के बारे में बताने लगी।
मैंने उसे चुप कराया और कहा- पति की जगह मैं हूँ ना।
वो हंस पड़ी और उसने मुझे ‘आई लाइक यू..’ बोला।
हम लोग ऐसे ही बात करते-करते सेक्स की बातें करने लगे।
फिर एक दिन ऐसा आया कि उसने मुझे अपने घर बुलाया क्योंकि उसका पति अक्सर बाहर ही रहता था। उस दिन जब मैं उसके घर गया तो वो एक सोफे पर बड़ी मादक अंदाज में बैठी थी। इस तरह बैठे हुए वो एकदम स्वर्ग की अप्सरा सी लग रही थी। क्या मस्त ड्रेस पहन रखी थी उसने.. ग्रीन सूट और सलवार में वो एकदम पटाखा लग रही थी।
उसके मम्मे पहले के मुक़ाबले और भी बड़े लग रहे थे। क्या उठी हुई गांड थी यार.. मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया।
मेरे अन्दर जाते ही वो खड़ी हो गई। वो मेरे लिए पानी लेकर आई और फिर कोल्डड्रिंक लेकर आई। मैं धीरे-धीरे शिप करते हुए कोल्डड्रिंक पीने लगा और उससे बातें करने लगा। कुछ ही देर में मैं उसके साथ मस्ती करने लगा।
इतना करने के बाद वो रोने लगी कि एक तुम हो जो मुझे बात-बात पर हंसाते हो और एक मेरा पति है जो मुझे मारता है।
मैंने बोला- जानू मैं हूँ ना तेरा पति..
मेरे इतना कहते ही वो मुझसे बोली- सिर्फ नाम के ही पति हो.. या कुछ काम के भी हो?
मैं समझ गया था कि आज ये पक्का चुदेगी मुझसे।
मैं बोला- क्यों क्या काम करना है बताओ..?
वो शरमा गई।
फिर मैंने आगे बढ़ कर उसके गाल पर किस किया उसने मुस्कुरा कर मेरे किस का स्वागत किया तो मैंने अगला चूमा उसकी गर्दन पर अपनी गरम साँसें छोड़ते हुए किया। मेरे इतना करने पर वो एकदम हिल गई थी।
फिर उसने मुझे धक्का दिया और दूसरे कमरे में चली गई। कुछ पल रुकने के बाद मैं अपनी कोल्डड्रिंक लेकर उसके पीछे गया तो देखा कि वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने बेड पर लेटी है।
मेरे अन्दर आते ही वो मुझे उंगली के इशारे से बुलाने लगी। उसको इस कामुक अंदाज में देख कर लगा कि आज मुझे जन्नत का दरवाजा दिख रहा है।
वाकयी लग रहा था कि खुद स्वर्ग की अप्सरा मुझे अपनी चुत चोदने का बुलावा दे रही है।
मैं भी देर ना करते हुए उसके पास गया। पहले उसके होंठ पर होंठ रख दिए। हम दोनों करीब 15 मिनट तक ऐसे ही बैठ कर एक-दूसरे के होंठ चूसते रहे।
अह.. क्या रसीले होंठ थे उसके.. एकदम मुलायम और रस भरे.. मदमस्त चुसाई चल रही थी।
फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और धीरे-धीरे उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। इतने में ही वो तड़प उठी और उसने अपनी ब्रा उतार दी। फिर उसने मेरे मुँह में अपना एक चुची दे दी, मैं उसको रगड़ कर पीने लगा। साथ ही मैं उसकी पेंटी में हाथ घुसा कर चुत में एक उंगली करने लगा।
मेरे ऐसा करते ही वो और भी कामुकता से आहें भरने लगी ‘ऊहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म्म..’
उसकी मादक सीत्कारें सुनकर मैं और मस्ती से चूत को कुरेदने में लगा रहा। फिर मैंने उसकी पैंटी फाड़ दी और अपना मुँह उसकी चुत पर रख दिया और उसको अन्दर से चाटने लगा।
मेरे ऐसा करने पर वो तड़प उठी और बोली- यार मैं मर जाऊँगी प्लीज़ अब चोद दे प्लीज़ यार आह..
इतना कहते ही करीब दो ही मिनट बाद वो झड़ गई और मैं उसका पूरा पानी पी गया। अब मैं अपने कपड़े उतारने लगा तो उसके मेरा अंडरवियर पकड़ कर मुझे अपने पास खींच लिया। मेरा लंड निकाल कर अपने मुँह में ले लिया और उसको लॉलीपॉप की तरह चाटने लगी और चूसने लगी।
करीब दस मिनट तक वो ऐसे ही करती रही। फिर ऐसा करने के बाद वो बोली- प्लीज़ विराट आज तुम मुझे अपनी बना लो.. हमेशा के लिए.. मैं तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ.. मुझे क्या ऐसे ही तड़पाओगे.. आओ ना.. आज मुझे चोद दो और मुझे अपना बना लो।
मैंने ऐसा ही किया। उसकी चुत पर अपना लंड रखा और ज़ोर से धक्का दे मारा। इस तगड़े झटके से मेरा आधा लंड उसकी चुत में एक ही बार में चला गया। उसकी चीख निकल गई- क्या कर रहा है.. भैनचोद ऐसे तो मेरा पति भी नहीं करता.. आह.. बाहर निकाल अपने लंड को.. मैं मर जाऊँगी प्लीज़ जल्दी से बाहर निकाल।
मैंने उसको कुछ नहीं कहा और न ही उसकी बात पर कोई ध्यान दिया। बस मैं उसके मम्मों को पीने लगा और चुपचाप उसके ऊपर लेट गया।
फिर उसके मुँह से सीत्कारें निकलने लगीं ‘आआ हह.. उहह प्लीज़.. आआह..’
अब मैं धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करने लगा.. लेकिन अभी मेरा आधा लंड ही अन्दर था।
फिर अचानक मैंने जोर से धक्का दिया तो इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चुत को चीरता हुआ घुस गया।
वो फिर से तड़प उठी और बोली- मुझे नहीं बनाना तुझे अपना खसम.. अआह.. उउह.. मार डाला बस कर..
अब वो मुझे गालियां देने लगी।
मुझे उस पर गुस्सा आ गया, मैंने एक हाथ से उसका मुँह दबाया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। ऐसा करने पर उसका चेहरा लाल पड़ गया और उसकी आँखों से आंसू आ गए।
लेकिन कुछ देर बाद सब शांत हो गया और वो भी अब मुझे अन्दर लेने लगी.. मेरा साथ देने लगी। फिर कभी उसको घोड़ी बना कर चोदता.. तो कभी उसकी एक टाँग अपने कंधे पर रख कर चुत पेलता, उसको मम्मों को और होंठों को बारी-बारी से चूसता हुआ उसको चोदता।
उसको भी मजा आ रहा था।
करीब दस मिनट बाद वो अकड़ गई और झड़ गई.. लेकिन मैं उसे लगातार चोदता रहा.. फिर 5 मिनट बाद मैं भी झड़ गया। मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में अन्दर ही छोड़ दिया।
फिर हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर लेट गए। उस दिन मैंने उसकी चूत को 3 बार चोदा और उसकी गांड भी मारी।
बाद में मैं जब जाने लगा तो वो बोली- आज से तुम ही मेरे पति हो और तुम जब कहोगे, मैं तुम्हारे पास आ जाऊँगी।
उसके बाद हम लोग बार-बार मिलने लगे। वो काफ़ी रिच थी इसलिए वो मुझे पैसे भी देती थी।
एक दिन उसके पति को हमारे बारे में पता चल गया और फिर उसकी और मेरी बातें होना और मिलना बंद हो गया। पिछले महीने एक अननोन नम्बर से उसका कॉल आया था।
उसने बताया- तू बाप बन चुका है। मैंने एक लड़के को पैदा किया है.. जो कि तेरा है।
इतना कह कर उसने फोन कट कर दिया। आज भी मैं उसको याद करता हूँ तो मूड खराब हो जाता है।
आपको मेरी हिंदी चुदाई स्टोरी कैसी लगी मुझे ज़रूर बताएं।
पिछले साल मैं दिल्ली में जॉब कर रहा था तो वहाँ मेरी मुलाकात एक ऐसी हसीन परी से हुई, जिसका नाम कोमल था। वो पंजाबन थी और आपको तो पता ही है कि पंजाबी लड़कियां कैसी कड़क और एकदम माल जैसी दिखती हैं। कोमल भी एक ऐसी ही हसीना थी, जो उसे एक बार देख लेता.. बस फिर वो उसे देखता ही रहता है। क्या कहूँ उसके बारे में.. बड़ी-बड़ी आँखें, पिंक कलर के होंठ और मदमस्त फिगर तो सन्नी लियोनी से भी अच्छा 32-28-34 का जानलेवा फिगर था। यारों वो चलती-फिरती किलर मशीन थी। उसका रंग तो ऐसा गोरा कि दूध भी शर्मा जाए। बस एक ही दिक्कत थी कि वो शादीशुदा थी। उसकी 3 साल पहले अरेंज मैरिज हो चुकी थी और उसका एक बेबी भी था।
लेकिन समस्या ये थी कि उसका पति उसको सेक्स का सुख तो देता था लेकिन साथ में उसको मारता भी था।
उसकी और मेरी मुलाकात एक दिन जब हुई, जब वो अपनी सहेली से मिलने हमारे ऑफिस आई.. वहाँ आकर वो रोने लगी कि कैसे उसके ससुराल वाले उस पर जुल्म किया करते थे। मैं उसकी बातें वहीं एक तरफ बैठ कर ध्यान से सुनता रहा और बातें सुनने के साथ धीरे-धीरे उसको बार-बार देख भी रहा था।
अचानक उसने मुझे देख लिया कि मैं उसे बार-बार देख रहा हूँ.. मेरी तो गांड ही फट गई थी। मुझे लगा कहीं वो मुझे आकर कुछ बोल ना दे। फिर कुछ देर बाद वो वहाँ से चली गई, लेकिन मैंने देर ना करते हुए उसकी सहेली से उससे फ्रेंडशिप करने के लिए बोला।
लेकिन कोमल ने बोला कि क्या उसे पता है कि मेरी शादी हो चुकी है और मेरा बेबी भी है?
उसने कहा- हाँ उसे पता है।
लेकिन फिर भी कोमल ने मना कर दिया।
फिर मैंने उसकी सहेली को बोला कि वो उससे रात में बात करके उसको मेरा नम्बर दे दे और उसकी सहेली ने ऐसा ही किया, उसने कोमल को मेरा नम्बर दे दिया।
फिर दो दिन बाद रात को करीब 11 बजे उसका व्हाटसैप पर मैसेज आया.. मैं समझ गया कि वो भी फ्रेंडशिप करना चाहती है।
हम लोग फिर बातें करने लगे और बात करते-करते रात कब निकल गई.. कुछ पता ही नहीं चला।
फिर अगले दिन उसका कॉल आया और मैंने उससे उसकी मॅरीड लाइफ के बारे में पूछा तो वो रोने लगी। फिर वो रोते हुए अपने पति के बारे में बताने लगी।
मैंने उसे चुप कराया और कहा- पति की जगह मैं हूँ ना।
वो हंस पड़ी और उसने मुझे ‘आई लाइक यू..’ बोला।
हम लोग ऐसे ही बात करते-करते सेक्स की बातें करने लगे।
फिर एक दिन ऐसा आया कि उसने मुझे अपने घर बुलाया क्योंकि उसका पति अक्सर बाहर ही रहता था। उस दिन जब मैं उसके घर गया तो वो एक सोफे पर बड़ी मादक अंदाज में बैठी थी। इस तरह बैठे हुए वो एकदम स्वर्ग की अप्सरा सी लग रही थी। क्या मस्त ड्रेस पहन रखी थी उसने.. ग्रीन सूट और सलवार में वो एकदम पटाखा लग रही थी।
उसके मम्मे पहले के मुक़ाबले और भी बड़े लग रहे थे। क्या उठी हुई गांड थी यार.. मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया।
मेरे अन्दर जाते ही वो खड़ी हो गई। वो मेरे लिए पानी लेकर आई और फिर कोल्डड्रिंक लेकर आई। मैं धीरे-धीरे शिप करते हुए कोल्डड्रिंक पीने लगा और उससे बातें करने लगा। कुछ ही देर में मैं उसके साथ मस्ती करने लगा।
इतना करने के बाद वो रोने लगी कि एक तुम हो जो मुझे बात-बात पर हंसाते हो और एक मेरा पति है जो मुझे मारता है।
मैंने बोला- जानू मैं हूँ ना तेरा पति..
मेरे इतना कहते ही वो मुझसे बोली- सिर्फ नाम के ही पति हो.. या कुछ काम के भी हो?
मैं समझ गया था कि आज ये पक्का चुदेगी मुझसे।
मैं बोला- क्यों क्या काम करना है बताओ..?
वो शरमा गई।
फिर मैंने आगे बढ़ कर उसके गाल पर किस किया उसने मुस्कुरा कर मेरे किस का स्वागत किया तो मैंने अगला चूमा उसकी गर्दन पर अपनी गरम साँसें छोड़ते हुए किया। मेरे इतना करने पर वो एकदम हिल गई थी।
फिर उसने मुझे धक्का दिया और दूसरे कमरे में चली गई। कुछ पल रुकने के बाद मैं अपनी कोल्डड्रिंक लेकर उसके पीछे गया तो देखा कि वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने बेड पर लेटी है।
मेरे अन्दर आते ही वो मुझे उंगली के इशारे से बुलाने लगी। उसको इस कामुक अंदाज में देख कर लगा कि आज मुझे जन्नत का दरवाजा दिख रहा है।
वाकयी लग रहा था कि खुद स्वर्ग की अप्सरा मुझे अपनी चुत चोदने का बुलावा दे रही है।
मैं भी देर ना करते हुए उसके पास गया। पहले उसके होंठ पर होंठ रख दिए। हम दोनों करीब 15 मिनट तक ऐसे ही बैठ कर एक-दूसरे के होंठ चूसते रहे।
अह.. क्या रसीले होंठ थे उसके.. एकदम मुलायम और रस भरे.. मदमस्त चुसाई चल रही थी।
फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और धीरे-धीरे उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। इतने में ही वो तड़प उठी और उसने अपनी ब्रा उतार दी। फिर उसने मेरे मुँह में अपना एक चुची दे दी, मैं उसको रगड़ कर पीने लगा। साथ ही मैं उसकी पेंटी में हाथ घुसा कर चुत में एक उंगली करने लगा।
मेरे ऐसा करते ही वो और भी कामुकता से आहें भरने लगी ‘ऊहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म्म..’
उसकी मादक सीत्कारें सुनकर मैं और मस्ती से चूत को कुरेदने में लगा रहा। फिर मैंने उसकी पैंटी फाड़ दी और अपना मुँह उसकी चुत पर रख दिया और उसको अन्दर से चाटने लगा।
मेरे ऐसा करने पर वो तड़प उठी और बोली- यार मैं मर जाऊँगी प्लीज़ अब चोद दे प्लीज़ यार आह..
इतना कहते ही करीब दो ही मिनट बाद वो झड़ गई और मैं उसका पूरा पानी पी गया। अब मैं अपने कपड़े उतारने लगा तो उसके मेरा अंडरवियर पकड़ कर मुझे अपने पास खींच लिया। मेरा लंड निकाल कर अपने मुँह में ले लिया और उसको लॉलीपॉप की तरह चाटने लगी और चूसने लगी।
करीब दस मिनट तक वो ऐसे ही करती रही। फिर ऐसा करने के बाद वो बोली- प्लीज़ विराट आज तुम मुझे अपनी बना लो.. हमेशा के लिए.. मैं तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ.. मुझे क्या ऐसे ही तड़पाओगे.. आओ ना.. आज मुझे चोद दो और मुझे अपना बना लो।
मैंने ऐसा ही किया। उसकी चुत पर अपना लंड रखा और ज़ोर से धक्का दे मारा। इस तगड़े झटके से मेरा आधा लंड उसकी चुत में एक ही बार में चला गया। उसकी चीख निकल गई- क्या कर रहा है.. भैनचोद ऐसे तो मेरा पति भी नहीं करता.. आह.. बाहर निकाल अपने लंड को.. मैं मर जाऊँगी प्लीज़ जल्दी से बाहर निकाल।
मैंने उसको कुछ नहीं कहा और न ही उसकी बात पर कोई ध्यान दिया। बस मैं उसके मम्मों को पीने लगा और चुपचाप उसके ऊपर लेट गया।
फिर उसके मुँह से सीत्कारें निकलने लगीं ‘आआ हह.. उहह प्लीज़.. आआह..’
अब मैं धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करने लगा.. लेकिन अभी मेरा आधा लंड ही अन्दर था।
फिर अचानक मैंने जोर से धक्का दिया तो इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चुत को चीरता हुआ घुस गया।
वो फिर से तड़प उठी और बोली- मुझे नहीं बनाना तुझे अपना खसम.. अआह.. उउह.. मार डाला बस कर..
अब वो मुझे गालियां देने लगी।
मुझे उस पर गुस्सा आ गया, मैंने एक हाथ से उसका मुँह दबाया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। ऐसा करने पर उसका चेहरा लाल पड़ गया और उसकी आँखों से आंसू आ गए।
लेकिन कुछ देर बाद सब शांत हो गया और वो भी अब मुझे अन्दर लेने लगी.. मेरा साथ देने लगी। फिर कभी उसको घोड़ी बना कर चोदता.. तो कभी उसकी एक टाँग अपने कंधे पर रख कर चुत पेलता, उसको मम्मों को और होंठों को बारी-बारी से चूसता हुआ उसको चोदता।
उसको भी मजा आ रहा था।
करीब दस मिनट बाद वो अकड़ गई और झड़ गई.. लेकिन मैं उसे लगातार चोदता रहा.. फिर 5 मिनट बाद मैं भी झड़ गया। मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में अन्दर ही छोड़ दिया।
फिर हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर लेट गए। उस दिन मैंने उसकी चूत को 3 बार चोदा और उसकी गांड भी मारी।
बाद में मैं जब जाने लगा तो वो बोली- आज से तुम ही मेरे पति हो और तुम जब कहोगे, मैं तुम्हारे पास आ जाऊँगी।
उसके बाद हम लोग बार-बार मिलने लगे। वो काफ़ी रिच थी इसलिए वो मुझे पैसे भी देती थी।
एक दिन उसके पति को हमारे बारे में पता चल गया और फिर उसकी और मेरी बातें होना और मिलना बंद हो गया। पिछले महीने एक अननोन नम्बर से उसका कॉल आया था।
उसने बताया- तू बाप बन चुका है। मैंने एक लड़के को पैदा किया है.. जो कि तेरा है।
इतना कह कर उसने फोन कट कर दिया। आज भी मैं उसको याद करता हूँ तो मूड खराब हो जाता है।
आपको मेरी हिंदी चुदाई स्टोरी कैसी लगी मुझे ज़रूर बताएं।
सोमवार, 20 नवंबर 2017
अब्बू और बुआ की चुदाई की आँखों देखी कहानी
जिंदगी में जैसे खाना, पानी, हवा आदि की जरूरत होती है, वैसे ही और एक
चीज है जिसकी हर मर्द या औरत, बूढ़े जवान सबको आवश्यकता कभी न कभी महसूस
होती ही है, वो है सेक्स!
सब सेक्स करते हैं, शराब या पैसा.. इनकी तरह ही या इससे भी ज्यादा होता है इसका नशा और यह नशा किसी को भी हो सकता है, औरत को भी!
मेरा नाम ज़ोया है, दिल्ली में रहती हूँ।
हम जब छोटे थे, तभी अब्बू गाँव की जमीन, खेत आदि बेच कर धंधा करने दिल्ली आ गए थे।
दिल्ली में हम एक फ्लैट में रहते हैं।
मेरे परिवार में अब्बू, अम्मी, बुआ, दो भाई और एक बहन है। अम्मी से जमाल मेरा छोटा भाई और मैं… बुआ के दो बच्चे रेहान, और हिना है।
बुआ को उसके पति ने तलाक दे दिया और किसी और से निकाह कर लिया।
सबसे बड़ी हिना है, उससे छोटा जमाल, फिर रेहान और सबसे छोटी मैं… हम सब बचपन से बड़े प्यार से एक साथ मिल कर रहते थे।
मेरे अंदर सेक्स की भूख वैसे बचपन से थी, पता नहीं कब से इसका चस्का लगा।
बचपन में कई बार मैंने अम्मी अब्बू को सेक्स करते हुए छिप छिपकर देखा है। रेहान और मैं हमउम्र ही थे, इसलिए वो भी मेरे साथ ये सब देखता था। हम भी वैसे ही करने की कोशिश करते थे। हमें बहुत मजा आता था।
एक दिन अम्मी को किसी काम से नानी के यहाँ जाना पड़ा, जमाल भी अम्मी के साथ चला गया, मेरे इम्तिहान चल रहे थे इसलिए मैं नहीं गई।
रात को मैं बुआ के साथ सो गई.
रात के एक बजे मैं पानी पीने के लिए उठी तो देखा रेहान और हिना सोए थे पर बुआ नहीं थी. मैंने सोचा बाथरूम वगैरह गई होगी.
मै पानी पीने सीढ़ियों से उतर रही थी, तभी मुझे किसी के कराहने की आवाज आई।
अब्बू का कमरा सीढ़ियों के पास है और उसकी खिड़की सीढ़ियों से लगी है, खिड़की पूरी तरह से बंद नहीं होती थी इसलिए अंदर क्या हो रहा है हम सीढ़ियों पर खड़े रहकर खिड़की की दरार से देख सकते थे।
मैंने खिड़की की दरार से अंदर देखा तो मैं अंदर का नजारा देखकर दंग रह गई.
अंदर अब्बू बुआ की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहे थे। अब्बू शरीर से हट्टे कट्टे थे, उनका लंड भी मोटा काला और बहुत लंबा था।
बुआ भी किसी हिरोइन की तरह सेक्सी थी।
दोनों एकदम नंगे थे।
अब्बू जोर जोर से अपना लंड बुआ की चूत के अंदर बाहर कर रहे थे और बड़बड़ा रहे थे- ले रांड ले!! बहुत चुदाई की आग है तेरी चूत में! पड़ोसियों से चुदवाती फिरती है.
ऐसा कहकर अपने मूसल जैसे लंड से बुआ की चूत को तेजी से चोदने लगे।
फिर बुआ को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेलने लगे, कभी गांड में डालते तो कभी चूत में!
बुआ भी आवाजें निकाल रही थी- आआआ ईईईई ऊऊऊऊ… और तेज़ औऔ औऔइइइ… फाड़ दो मेरी चूत… बना दो इसको भोसड़ा!
कुछ देर तक चोदने के बाद अब्बू ने अपना लंड बुआ के मुंह में देकर मुंह को ही चोदने लगे.
थोड़ी देर में अब्बू ने धक्के तेज कर दिए और बाद में आहहह आहहह करते हुए अपना सारा माल बुआ के बूब्स और पेट पर डाल दिया।
फिर बुआ ने अब्बू का लंड चाटकर साफ किया और लंड पर लगा वीर्य पी लिया और नंगी ही अब्बू के पेट पर सिर रखकर लंड से खेलने लगी और अब्बू बुआ के बूब्स खेलने लगे.
बुआ ने पूछा- भाईजान, आपको कैसे पता चला कि मैं पड़ोसियों से चुदती हूँ?
अब्बू बोले- मैंने तुझे पड़ोस के विकास के साथ उसकी छत पर देखा था, तुम लोग दीवार के पीछे खड़े थे, वो तेरी चूत में उंगली कर रहा था और तू उसका लंड पकड़ कर हिला रही थी. उसने तुझे वहाँ खड़े खड़े ही चोदा था. जब तू कल कपड़े सुखाने के बहाने टेरेस पर गई थी तो तेरे पीछे मैंने उसको भी जाते देखा, मुझे शक हुआ तो मैं भी तुम लोगों के पीछे आ गया था और मैंने छत के बरामदे में तुम लोगों को चुदाई करते देख लिया था.
अब्बू बोले- जब से तू बड़ी हुई है, तेरे उभार बड़े हुए हैं, तब से तेरे लिए मेरी फीलिंग बदल गई थी और बस इसी बात का इंतजार करता था कि कब तेरी मुलायम चूत मारने का मौका मिले। वो मौका मुझे तेरी चुदाई देखकर मिल गया!
बुआ बोली- मेरे प्यारे भाईजान को मेरी चूत चाहिए थी तो पहले कह देते… मैं लंड के लिए दूसरों के पास क्यों जाती।
यह कहकर अब्बू का लंड चूसने लगी और फिर चुदाई का एक और घमासान दौर चला।
इस बार अब्बू ने पूरा पानी बुआ के मुंह में भर दिया, बुआ गट गट करके सारा वीर्य पी गई.
और फिर बुआ ने कपड़े पहने और बाहर आने लगी.
उनके आने से पहले मैं सीढियों से अपने रूम में आकर सोने की एक्टिंग करने लगी. बुआ भी रूम में आकर सो गई।
यह मेरी पहली सच्ची कहानी है, लिखने में गलती हुई हो तो माफ करना और मेरी दूसरी चुदाई की दास्तान का इंतजार कीजिए।
सब सेक्स करते हैं, शराब या पैसा.. इनकी तरह ही या इससे भी ज्यादा होता है इसका नशा और यह नशा किसी को भी हो सकता है, औरत को भी!
मेरा नाम ज़ोया है, दिल्ली में रहती हूँ।
हम जब छोटे थे, तभी अब्बू गाँव की जमीन, खेत आदि बेच कर धंधा करने दिल्ली आ गए थे।
दिल्ली में हम एक फ्लैट में रहते हैं।
मेरे परिवार में अब्बू, अम्मी, बुआ, दो भाई और एक बहन है। अम्मी से जमाल मेरा छोटा भाई और मैं… बुआ के दो बच्चे रेहान, और हिना है।
बुआ को उसके पति ने तलाक दे दिया और किसी और से निकाह कर लिया।
सबसे बड़ी हिना है, उससे छोटा जमाल, फिर रेहान और सबसे छोटी मैं… हम सब बचपन से बड़े प्यार से एक साथ मिल कर रहते थे।
मेरे अंदर सेक्स की भूख वैसे बचपन से थी, पता नहीं कब से इसका चस्का लगा।
बचपन में कई बार मैंने अम्मी अब्बू को सेक्स करते हुए छिप छिपकर देखा है। रेहान और मैं हमउम्र ही थे, इसलिए वो भी मेरे साथ ये सब देखता था। हम भी वैसे ही करने की कोशिश करते थे। हमें बहुत मजा आता था।
एक दिन अम्मी को किसी काम से नानी के यहाँ जाना पड़ा, जमाल भी अम्मी के साथ चला गया, मेरे इम्तिहान चल रहे थे इसलिए मैं नहीं गई।
रात को मैं बुआ के साथ सो गई.
रात के एक बजे मैं पानी पीने के लिए उठी तो देखा रेहान और हिना सोए थे पर बुआ नहीं थी. मैंने सोचा बाथरूम वगैरह गई होगी.
मै पानी पीने सीढ़ियों से उतर रही थी, तभी मुझे किसी के कराहने की आवाज आई।
अब्बू का कमरा सीढ़ियों के पास है और उसकी खिड़की सीढ़ियों से लगी है, खिड़की पूरी तरह से बंद नहीं होती थी इसलिए अंदर क्या हो रहा है हम सीढ़ियों पर खड़े रहकर खिड़की की दरार से देख सकते थे।
मैंने खिड़की की दरार से अंदर देखा तो मैं अंदर का नजारा देखकर दंग रह गई.
अंदर अब्बू बुआ की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहे थे। अब्बू शरीर से हट्टे कट्टे थे, उनका लंड भी मोटा काला और बहुत लंबा था।
बुआ भी किसी हिरोइन की तरह सेक्सी थी।
दोनों एकदम नंगे थे।
अब्बू जोर जोर से अपना लंड बुआ की चूत के अंदर बाहर कर रहे थे और बड़बड़ा रहे थे- ले रांड ले!! बहुत चुदाई की आग है तेरी चूत में! पड़ोसियों से चुदवाती फिरती है.
ऐसा कहकर अपने मूसल जैसे लंड से बुआ की चूत को तेजी से चोदने लगे।
फिर बुआ को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेलने लगे, कभी गांड में डालते तो कभी चूत में!
बुआ भी आवाजें निकाल रही थी- आआआ ईईईई ऊऊऊऊ… और तेज़ औऔ औऔइइइ… फाड़ दो मेरी चूत… बना दो इसको भोसड़ा!
कुछ देर तक चोदने के बाद अब्बू ने अपना लंड बुआ के मुंह में देकर मुंह को ही चोदने लगे.
थोड़ी देर में अब्बू ने धक्के तेज कर दिए और बाद में आहहह आहहह करते हुए अपना सारा माल बुआ के बूब्स और पेट पर डाल दिया।
फिर बुआ ने अब्बू का लंड चाटकर साफ किया और लंड पर लगा वीर्य पी लिया और नंगी ही अब्बू के पेट पर सिर रखकर लंड से खेलने लगी और अब्बू बुआ के बूब्स खेलने लगे.
बुआ ने पूछा- भाईजान, आपको कैसे पता चला कि मैं पड़ोसियों से चुदती हूँ?
अब्बू बोले- मैंने तुझे पड़ोस के विकास के साथ उसकी छत पर देखा था, तुम लोग दीवार के पीछे खड़े थे, वो तेरी चूत में उंगली कर रहा था और तू उसका लंड पकड़ कर हिला रही थी. उसने तुझे वहाँ खड़े खड़े ही चोदा था. जब तू कल कपड़े सुखाने के बहाने टेरेस पर गई थी तो तेरे पीछे मैंने उसको भी जाते देखा, मुझे शक हुआ तो मैं भी तुम लोगों के पीछे आ गया था और मैंने छत के बरामदे में तुम लोगों को चुदाई करते देख लिया था.
अब्बू बोले- जब से तू बड़ी हुई है, तेरे उभार बड़े हुए हैं, तब से तेरे लिए मेरी फीलिंग बदल गई थी और बस इसी बात का इंतजार करता था कि कब तेरी मुलायम चूत मारने का मौका मिले। वो मौका मुझे तेरी चुदाई देखकर मिल गया!
बुआ बोली- मेरे प्यारे भाईजान को मेरी चूत चाहिए थी तो पहले कह देते… मैं लंड के लिए दूसरों के पास क्यों जाती।
यह कहकर अब्बू का लंड चूसने लगी और फिर चुदाई का एक और घमासान दौर चला।
इस बार अब्बू ने पूरा पानी बुआ के मुंह में भर दिया, बुआ गट गट करके सारा वीर्य पी गई.
और फिर बुआ ने कपड़े पहने और बाहर आने लगी.
उनके आने से पहले मैं सीढियों से अपने रूम में आकर सोने की एक्टिंग करने लगी. बुआ भी रूम में आकर सो गई।
यह मेरी पहली सच्ची कहानी है, लिखने में गलती हुई हो तो माफ करना और मेरी दूसरी चुदाई की दास्तान का इंतजार कीजिए।
शनिवार, 11 नवंबर 2017
जीजा ने मेरे दूध पीकर मेरी चूत को चोदा
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