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शनिवार, 30 दिसंबर 2017
गुरुवार, 16 नवंबर 2017
दुखी टीचर को माँ बनाया
दोस्तों मेरा नाम संदीप हे और मैं एक गिगोलो हूँ. मैं लोगो को चुदाई का मज़ा दे के पैसे कमाता हूँ. एक दिन मुझे एक मेल आई. वो किसी प्रदीप नाम के बन्दे की थी. उसने मुझे लिखा था की उसे मेरी हेल्प चाहिए थी. मैंने अपना नम्बर दिया तो उसने मुझे कॉल किया. और उसने अपनी प्रॉब्लम मुझे बताई. प्रदीप गवर्नमेंट जॉब करता था. और उसकी वाइफ भी गवर्नमेंट टीचर थी. वो दोनों की शादी को पांच साल हो गए थे लेकिन अभी तक बच्चा नहीं हुआ था.
उनको एक बेबी चाहिए था. डॉक्टर के पास टेस्ट करवाए तो पता चला की प्रदीप के अन्दर ही कुछ फोल्ट थी और वो कभी भी बच्चा नहीं पैदा कर सकता था. प्रदीप ने मुझे कहा की तूम मेरी हेल्प करो और मुझे एक बच्चा पैदा करने में हेल्प करो. मैंने कहा, आप घबराओ मत मैं आप की हेल्प कर दूंगा.
प्रदीप ने मुझे अपना एड्रेस दिया और 10 दिन के बाद घर आने को बोला.
10 दिन के बाद मैं उनके घर पहुँच गया. वो लोग चंडीगढ़ में रहते हे. मैं शाम को 5 बजे उनके घर पहुँच गया. मैंने डोरबेल बजाई. डोर उसकी वाइफ ने ही खोली. मैं उसको देखते ही दंग रह गया. वो बहोत ही खुबसूरत थी. उसका फिगर 34 28 36 था. मैं उन्हें देखता ही रह गया. उन्होंने मुझे इशारे से अन्दर आने के लिए कहा.. मैंने अन्दर जा के देखा तो घर बहुत बड़ा था.
थोड़ी देर बाद में उनका पति भी आ गया. जब तक वो भी पानी लाकर आ गई. हम तीनो सोडे पर बैठ गए. उसके पति ने अपनी पत्नी से मेरा इंट्रो करवाया. भाभी का नाम नीलम था. शाम के करीब 9 बजे हमने खाना खा लिया.
उसके बाद प्रदीप मुझे ले के अपने बेद्रूम्म में गया. पीछे पीछे नीलम भाभी भी आ गई. प्रदीप नीलम भाभी को वहीँ पर मेरे पास छोड़ के दुसरे कमरे में सोने के लिए चला गया. नीलम ने दरवाजा बंद कर दिया और वो शरमाते हुए वही पर खड़ी हो गई. मैं उसके पास गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया. मेरे को पता था की जो भी करना हे वो मुझे ही करना हे. वो थोडा शर्मा रही थी. मैंने उसके पास जा के उसे किस करना चालू कर दिया. अब वो भी थोड़ी थोड़ी खुलने लगी थी. मैंने उसको गोदी में उठाया और उसे बेड के पास ले गया. वो थोड़ी नार्मल हो गई थी. मैंने उसके गले के ऊपर किस कर लिया. और किस करते करते ही मैं उसके बूब्स को भी दबाने लगा. नीलम भाभी को भी बड़ा मज़ा आ रहा था मेरी इन हरकतों से.
उसने उस वक्त नाइटी पहनी हुई थी. मैंने धीरे धीरे उसकी नाइटी उतार दी. अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. मैं उसके शोल्डर पर किस करने लगा. और फिर मैं निचे की तरफ बढ़ने लगा. और अब मैंने उसकी कमर के ऊपर किस कर दी. मैंने धीरे से ब्रा को खोल दी. मैंने भी अपने कपडे खोल दिए और मैं अब सिर्फ अंडरवेर में था. मैं उसके बूब्स को मसलता गया और वो सिसकियों पर सिसकियाँ लेती गई. फिर मैंने उसके पेट के ऊपर भी किस कर ली. उसकी नाभि के ऊपर किस किया और फिरधीरे से मैंने उसकी पेंटी उतार दी. नीलम ने अब मेरे अंडरवेर उतार दी. अब हम दोनों पूरी तरह नंगे हो गए थे. उसने मेरा लंड देखते हुए स्माइल दी और बोली, आप का तो बहुत बड़ा हे. मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया. वो भी प्यार से हाथ फिराने लगी. मेरा लंड पूरी मस्ती में था. उसने धीरे से लंड के सुपाडे के ऊपर किस कर दिया. उसके बाद हम दोनों 69 पोज़िसन में आ गए. वो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी. मैं भी उसकी क्लीन शेव्ड चूत को चाट चाट के पूरा मज़ा ले रहा था.
वो थोड़ी देर में ही झड़ गई. उसने मुझे बताया की उसका पति कभी उसकी चूत को चाटता नहीं हे. फिर मैंने उसके बूब्स को वापस अपने मुहं में भर लिया और चूसने लगा. वो थोड़ी देर में वापस से हॉट हो गई. मैंने एक ऊँगली नीलम भाभी की चूत के दाने पर रख दी. और मैं ऊँगली को एकदम प्यार से उसके चूत के दाने पर घिसने लगा. वो पूरी तरह से हॉट हो गई थी. वो बोली, अब मुझे जल्दी से चोदो इतना भी मत तडपाओ.
मैंने भी उसकी हालत को देखा तो सोचा की अब लंड डालने लायक हो गई हे वो. मैंने उसकी दोनों टांगो को खोला और लंड को उसकी चूत पर रख दिया. एक जोर का झटका दे के मैंने आधा लंड उसके अन्दर डाला. उसके मुहं से चीख निकल गई. मैंने उसके होंठो के साथ अपने होंठो को लगा दिया और किस करने लगा. वो थोड़ी नार्मल हुई और फिर मैंने एक बार फिर से झटका मारा. अब मेरा लंड पूरा उसकी चूत में था.
अब उसको भी पूरा मजा आने लगा था. वो भी मेरे झटको का जवाब अपने चूतड को उठा उठा के देने लगी थी. इसी तरह से पुरे 40-45 मिनिट तक नीलम भाभी को चोदता गया.
अब तक वो तिन बार झड़ गई थी. अब वो आह आह करने लगी थी. और मैं उसे किस करते हुए जोर जोर से चोदता गया. और फिर मैंने नीलम भाभी को कुतिया बना दिया और पीछे से उसे डौगी स्टाइल में चोदना चालू कर दिया. मैंने पीछे से उसकी गांड को पकड़ के उसकी चूत को चोदने लगा.
वो भी मेरे झटको के जवाब में अपने बदन को हिला रही थी. और फिर कुछ ही देर में मेरे लंड से एकदम गाढ़ा वीर्य निकल के उसकी चूत में टपक गया. मैंने कुछ देर तक अपने लंड को ऐसे अन्दर ही रहने दिया ताकि प्रेग्नन्सी के चांसिस बढ़ जाए. नीलम भाभी भी अपनी गांड एकदम स्टॉप कर के रुकी हुई थी. मैंने लंड निकाला ही नहीं. वो अपनेआप ही सिकुड़ के चूत से बहार आ गया.
हमने कपडे पहन लिए. फिर प्रदीप के पास चली गई नीलम भाभी. प्रदीप ने आके मुझे थेंक्स कहा और मुझे पैसे देने लगा. मैंने कहा पैसे तब देना जब खुशखबरी सुनाओ. वो मुझे गले लगा के रो पड़ा. दुसरे दिन सूबह मैं उनके घर से निकल भी गया.
अगले महीने प्रदीप का कॉल आया मुझे और उसने कहा नीलम ने अपनी प्रेग्नंसी चेक की और पोजिटिव रिजल्ट आया हे. वो ये कहते हुए बड़ा खुश लग रहा था!
शनिवार, 11 नवंबर 2017
माँ अपनी चूत दिखा कर मुझे चोदने के लिए बोली
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अनिल है और बरेली का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र 18.. साल जब मैं 10 साल का था तभी मेरे पापा की मौत हो गई और मैं
और मेरी माँ किसी तरह से अपना गुज़ारा कर रहे थे। मैं पढने के लिए चला जाता
था और फिर माँ पैसे कमाने के लिए दुसरो के घर में पोछा और बर्तन मांजती
थी। हम लोग बहुत बुरी हालत से गुजर रहे थे। एक दिन मेरी माँ एक जगह बर्तन
माजने गई और वहां के माकन मालिक ने हमारी मज़बूरी समझ कर माँ को कुछ पैसे
ज्यादा दिए और उनसे कहा – तुम इतना काम क्यों करती हो। कुछ अपनी सेहत पर भी
ध्यान दिया करो।
जब मेरे पापा मी मौत हुई तो मेरी माँ केवल 28 साल की थी। मेरी माँ देखने में तो बहुत ही सुन्दर थी लेकिन गरीबी की वजह से वो देखने में ज्यादा अच्छी नही लग रही थी। धीरे धीरे समय बिता और मैंने एक जॉब कर लिया और फिर मेरी माँ को काम से आराम मिल गया। वो केवल घर का काम करती और घर पर ही रहती थी। जब मेरे पापा की मौत हो गई उसके बाद मेरी माँ को लंड के दर्शन नही हुए। मेरी माँ को बहुत साल हो गये थे चुदे हुए और उनकी चूत धीरे धीरे चुदाई न होने की वजह से बिलकुल चिपक गई थी।
एक बार मैं घर जल्दी आ गया और माँ घर पर अकेली ही रहती थी, दरवाज़ा खुला था मैं सीधे अंदर आ गया। मम्मी कही दिख नही रही थी तो मैं उनके कमरे की तरफ बड़ा तो मैंने देखा मम्मी अपने कमरे में अपने कपड़ो को निकाल कर अपनी चूची को दबाते हुए अपने उंगली को अपनी चूत में डाल रही थी। जब मैंने उनको देखा तो मैं समझ गया कि माँ इतने दिनों से किसी से चुदी नही है और अब इनके चूत की गर्मी इनको चुदने के लिए मजबूर कर रहा है। उस दिन मैं वहां से चुपचाप चला आया।
दोस्तों जब मैंने जॉब करना शुरू किया तो वहां पर एक लड़की थी जो मेरे बगल में काम करती थी उसका नाम नीतू था मैं उसको पसंद करने लगा था और वो भी मुझे देखा करती थी। धीरे धीरे मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया। जब मैं उससे बात करता था तो मैं केवल उसकी चुदाई के बारे में ही सोचता था। और उससे बात किया करता था। उसकी चूची काफी गजब की दिखती थी टॉप के ऊपर से और वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी थी उसको देखने के बाद मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
धीरे धीरे समय बिता मैंने एक दिन नीतू को प्रपोस कर दिया और मैंने उससे कहा – “जब से मैंने तुम्हे देखा है मैं तो ठीक से सो नही पाता हूँ और केवल तुम्हारे बारे में ही सोचता रहता हूँ। तुम क्या सोचती हो मेरे बारे में”।
तो नीतू ने मुझसे कहा – “मैं तुम्हे पसंद तो करती हूँ लेकिन मुझे ये सब करने का समय नही है मुझे बहुत काम रहता है और मुझे अपने अपने घर का खर्चा नही चलाना रहता है”।
तो मैंने उससे कहा – “इससे क्या हुआ मैं भी तो अपने घर का खर्चा उठता हूँ। मेरे बहुत देर समझाने के बाद उसने भी मुझको हाँ बोल दिया लेकिन उसने मुझसे कहा – “मैं तुम्हारे साथ सेक्स नही करुँगी अगर तुम मेरे साथ सेक्स करने के लिए मुझसे प्यार करते हो तो भूल जाओ। मैं तुमसे प्यार करता हूँ ना की तुम्हारे जिस्म से”।
उस दिन तो वो चली गई लेकिन जब दुसरे दिन वो आई तो मैंने उसे कहा – तुम मेरे साथ सेक्स नही कर सकती हो लेकिन मैं तुम्हे किस कर ही सकता हूँ। तो नीतू ने मुझसे कहा हाँ तुम मुझे किस कर सकते हो। मैंने नीतू से कहा – मेरा मन किस करने को कह रहा तुम मेरे साथ नीचे चलो। वो मेरे साथ में नीचे आई।
उस दिन मैंने उसके होठ को पहली बार पिया। उसके मुलायम और रसीले होठ पीने में बहुत मंजा आता था। मैंने सोचा इसके होठ पीने में इतना मज़ा आरहा है तो इसको छोड़ने में कितना मज़ा आयेगा। कुछ दिनों तक मैं रोज नीतू के होठ पीता रहा।
एक दिन मैं उसके होठ को पपीते हुए उसकी चूची को दबा रहा था और कुछ देर बाद मैंने अपने हाथ को उसकी चूत के पास ले गया और उसकी चूत को सहलाने लगा तो उसने मुझसे कहा ये क्या कर रहे हो मैंने तुमसे कहा था मैं तुम्हारे साथ सेक्स नही करुँगी फिर भी तुम मुझ सेक्स करने पर क्यों मजबूर कर रहे हो। वो वहां से नाराज हो चली गई। मेरा मन उस दिन चुदाई करने का बहुत मचल रहा था। लेकिन मुझे नीतू चली गई अब किसको मैं चोदता।
मैं गुस्से में उस दिन घर आया और साथ में मुझे उस दिन चुदाई का भी भूत सवार था। जब मैं घर पहुंचा तो मम्मी अपने कमरे में थी। मैं उनके पास गया और अपने हाथ को उनके हाथ पर रखकर उनके कहा चलो मम्मी कहा खा लो। लेकिन जैसे ही मैंने अपने हाथ को उनके हाथ पर रखा उन्होंने मेरे हाथ को पकड लिया और अपनी चूची में लगते हुए मुझसे कहा – जब से तुम्हारे पापा की मौत हुई मैं किसी से चूड़ी नही हूँ और मेरे अंदर की जिस्म की आग से मैं जल रही हूँ तुम मेरे चूत की गर्मी को शांत कर दो बेटा मुझे चोद कर। तो मैंने उसके कहा आप ठीक तो है आप ये क्या कह रही है। मैं आप का बेटा हूँ मैं आप के साथ ये सब नही करूँगा।
तो मम्मी ने मुझसे कहा – मैं चाहती तो मुझे बहुत से मर्द मिल जाते लेकिन मैं अपने आप को तुम्हारे पापा की वजह से रोके हुए थी। अगर तुम मेरी चुदाई करोगे तो कोई जान भी नही पायेगा और मेरी चुदाई भी हो जायेगी।
मेरा मन भी चुदाई करने को कह रहा था और मम्मो भी बहुत ज्यादा चुदासी थी। तो मैंने उनसे कहा – मम्मी चुदने के लिए तैयार हो जाओ मैं अभी कपडे बदल कर आता हूँ।
कुछ देर बाद मैंने अपने कपडे निकाल कर मम्मी के कमरे में आया मैंने केवल इंडरवियर पहना था। मम्मी चुचाप बैठी हुई थी जब मैं उनके पास पहुंचा तो मैंने मम्मी को अपनी गोदी में उठा लिया और फिर मैंने मम्मी को किस करना शुरू किया और उनको अपनी गोदी में लेकर किस करने लगा। पहले तो केवल मैं हो मम्मी के होठ को पी रहा था लेकीन कुछ देर बाद मम्मी भी मुझसे चिपकने लगी थी और साथ मेरे होठ को अपने मुह में ले लिया उर मेरे होठ को चुमते हुए पी रही थी। कुछ देर बाद मैंने मम्मी को बिस्तर पर बिठा दिया और फिर उनकी होठ को पीते हुए मैंने उनकी चूची को भी दबाने लगा, जिससे मम्मी और भी कामातुर होने लगी और वो मेरे होठ को अपने दांतों से काटने लगी।
10 मिनट तक मम्मी के होठ को पपीने के बाद मैंने मम्मी के साडी को निकाल दिय और उनके ब्लाउस के बटन को अपने हाथो से खोल दिया और जिससे मम्मी की चूची दिखने लगी। मम्मी की चूची बहुत ही मस्त लग रही थी। देखने में बहुत ही गोरी और बिलकुल साइज़ में थी क्योकि मम्मी की चूची को दबने वाला कोई नही था। ,मैंने मम्मी कोई दोनों स्तन को अपने दोनों हाथो से पकड लिया और मसलने लगा। उनकी चूची दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर बंद मैंने मम्मी के मम्मो को अपने मुह में ले लिया और उनकी चूची को दबा दबा कर पीने लगा। जिससे मम्मी क माज़ा आ रहा था और वो अपने दूध को मुझे बड़े जोश से पिला रही थी। धीरे धीरे मेरे अंदर का शैतान जड़ने लगा और मैं चुदाई के आग में मम्मी की चूची को जोर जोर से दबाने लगा और उनकी चूची को काटने लगा जिससे मिमी की चूची में दर्द होने लगा और उन्होंने मुझे अपनी चूची से दूर करने लगे और साथ में सिसक भी थी।
बहुत देर तक चूची को पीने के बाद मैं बहुत ही ज्यादा काम के आग में जलने लगा था। मैंने तुरंत ही मम्मी के पेटीकोट के नारे को खोला और उनकी चूत को लाल पैंटी के ऊपर से ही दबते हुए सलते हुए मैंने उनकी पैंटी भी निकाल दी। मम्मी की चूत देखने में बहुत साफ लग रही थी और काफी कसी हुई भी थी उनकी चूत को देख कर मेरा लंड और भी तन गया। मैंने अपने लंड को मम्मी की चूत में लगते हुए उनके चूत लाल गुलाबी दाने में अपने लंड को रगड़ने लगा जिससे मम्मी भी और ज्यादा चुदासी हो गई और वो अपनी फुद्दी को सहलते हुए अपनी चूची को मसाल रही थी। कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को पकड कर एक जोर से झटका दिया जिससे मेरा लंड मम्मी की चूत के अंदर चला गया। मम्मी की चूत बहुत ही गर्म थी मुझे ऐसा लग रहा था जिसिसे मेरा लंड किसी गर्म जगह पर घुस गया गया हो। जब मैंने मम्मी को चोदने शुरू किया तो मम्मी की चूत बहुत टाईट थी मुझे मम्मी को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और मम्मी को भी चुदने में मज़ा अ रहा था। कुछ देर बाद जब मेरे अंदर का शैतान जग गया तो मैंने मम्मी की कमर को पकड़ा और जोर जोर जोर से मम्मी की चूत को चोदने लगा। जिससे मम्मी की चूत में एक दर्द उत्पन हो रहा था और वो बिस्तर के चादर को पकड कर मेरे लंड के दर्द को सहते हुए मुझसे चुदवा रही थी। मैं मम्मी की लगातार तेजी से छोड़ रहा था और कुछ देर बाद जब मम्मी मेरे लंड के दर्द को नही सह पी तो वो अपने चूत को मसलते हुए आआआआअह्हह्हह,…..ईईईईईईई…..ओह्ह्ह्हह्ह ऊह्ह ओह्ह्ह ऊओह्ह उफू फूफ उफ़ उफ्फ्फ …. मम्मी आह आःह्ह अह्ह्ह… …उ उ उ उ ऊऊऊ ……….ऊँ….ऊँ…..ऊँ.. उंह उंह उंह हूँ……. हूँ… हूँ….. आऊ….. आऊ……हमममम अहह्ह्ह्हह…… करके चीखने लगी थी।
कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को मम्मी की चूत से बहार निकाल लिया और फिर मम्मी को अपनी गोदी में उठा लिया और किस करते हुए उनके पास में रखे एक मेज पर बिठा दिया और फिर अपने लंड को उनके बुर में लगा कर फिर से उनकी चुदी करना शुरू किया। मैं जोर जोर से अपने लंड को धक्का धक्का दे रहा थाऔर जिससे मम्मी छूट में दर्द के कारण मम्मी मुझसे चिपकती ही जा रही थी और जोर जोर से चीख रही थी। उनके आवाज़ से पूरा घर गूंज रहा था। लेकिन मैं लगातार मम्मी की चढाई करते हुए उनकी चूची को दबा रहा था। जब मेरा लंड मम्मी की चूत के अंदर जाता टी मेरे लंड के रगड़ से मम्मी तड़प उठती..
बहुत देर तक मम्मी की चुदाई करने के बाद मैंने अपने लंड को उनके चूत से निकाल लिया और फिर मुठ मारने लगा।
चुदाई के बाद भी मम्मी का मन नही भरा था तो मैंने मम्मी की चूत से पानी भी निकाला। उस दिन के बाद से जब भी मम्मी का मन चुदने को करता वो मुझसे कह देती थी और मैं रात को उनकी खूब चुदाई करता था।
जब मेरे पापा मी मौत हुई तो मेरी माँ केवल 28 साल की थी। मेरी माँ देखने में तो बहुत ही सुन्दर थी लेकिन गरीबी की वजह से वो देखने में ज्यादा अच्छी नही लग रही थी। धीरे धीरे समय बिता और मैंने एक जॉब कर लिया और फिर मेरी माँ को काम से आराम मिल गया। वो केवल घर का काम करती और घर पर ही रहती थी। जब मेरे पापा की मौत हो गई उसके बाद मेरी माँ को लंड के दर्शन नही हुए। मेरी माँ को बहुत साल हो गये थे चुदे हुए और उनकी चूत धीरे धीरे चुदाई न होने की वजह से बिलकुल चिपक गई थी।
एक बार मैं घर जल्दी आ गया और माँ घर पर अकेली ही रहती थी, दरवाज़ा खुला था मैं सीधे अंदर आ गया। मम्मी कही दिख नही रही थी तो मैं उनके कमरे की तरफ बड़ा तो मैंने देखा मम्मी अपने कमरे में अपने कपड़ो को निकाल कर अपनी चूची को दबाते हुए अपने उंगली को अपनी चूत में डाल रही थी। जब मैंने उनको देखा तो मैं समझ गया कि माँ इतने दिनों से किसी से चुदी नही है और अब इनके चूत की गर्मी इनको चुदने के लिए मजबूर कर रहा है। उस दिन मैं वहां से चुपचाप चला आया।
दोस्तों जब मैंने जॉब करना शुरू किया तो वहां पर एक लड़की थी जो मेरे बगल में काम करती थी उसका नाम नीतू था मैं उसको पसंद करने लगा था और वो भी मुझे देखा करती थी। धीरे धीरे मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया। जब मैं उससे बात करता था तो मैं केवल उसकी चुदाई के बारे में ही सोचता था। और उससे बात किया करता था। उसकी चूची काफी गजब की दिखती थी टॉप के ऊपर से और वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी थी उसको देखने के बाद मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
धीरे धीरे समय बिता मैंने एक दिन नीतू को प्रपोस कर दिया और मैंने उससे कहा – “जब से मैंने तुम्हे देखा है मैं तो ठीक से सो नही पाता हूँ और केवल तुम्हारे बारे में ही सोचता रहता हूँ। तुम क्या सोचती हो मेरे बारे में”।
तो नीतू ने मुझसे कहा – “मैं तुम्हे पसंद तो करती हूँ लेकिन मुझे ये सब करने का समय नही है मुझे बहुत काम रहता है और मुझे अपने अपने घर का खर्चा नही चलाना रहता है”।
तो मैंने उससे कहा – “इससे क्या हुआ मैं भी तो अपने घर का खर्चा उठता हूँ। मेरे बहुत देर समझाने के बाद उसने भी मुझको हाँ बोल दिया लेकिन उसने मुझसे कहा – “मैं तुम्हारे साथ सेक्स नही करुँगी अगर तुम मेरे साथ सेक्स करने के लिए मुझसे प्यार करते हो तो भूल जाओ। मैं तुमसे प्यार करता हूँ ना की तुम्हारे जिस्म से”।
उस दिन तो वो चली गई लेकिन जब दुसरे दिन वो आई तो मैंने उसे कहा – तुम मेरे साथ सेक्स नही कर सकती हो लेकिन मैं तुम्हे किस कर ही सकता हूँ। तो नीतू ने मुझसे कहा हाँ तुम मुझे किस कर सकते हो। मैंने नीतू से कहा – मेरा मन किस करने को कह रहा तुम मेरे साथ नीचे चलो। वो मेरे साथ में नीचे आई।
उस दिन मैंने उसके होठ को पहली बार पिया। उसके मुलायम और रसीले होठ पीने में बहुत मंजा आता था। मैंने सोचा इसके होठ पीने में इतना मज़ा आरहा है तो इसको छोड़ने में कितना मज़ा आयेगा। कुछ दिनों तक मैं रोज नीतू के होठ पीता रहा।
एक दिन मैं उसके होठ को पपीते हुए उसकी चूची को दबा रहा था और कुछ देर बाद मैंने अपने हाथ को उसकी चूत के पास ले गया और उसकी चूत को सहलाने लगा तो उसने मुझसे कहा ये क्या कर रहे हो मैंने तुमसे कहा था मैं तुम्हारे साथ सेक्स नही करुँगी फिर भी तुम मुझ सेक्स करने पर क्यों मजबूर कर रहे हो। वो वहां से नाराज हो चली गई। मेरा मन उस दिन चुदाई करने का बहुत मचल रहा था। लेकिन मुझे नीतू चली गई अब किसको मैं चोदता।
मैं गुस्से में उस दिन घर आया और साथ में मुझे उस दिन चुदाई का भी भूत सवार था। जब मैं घर पहुंचा तो मम्मी अपने कमरे में थी। मैं उनके पास गया और अपने हाथ को उनके हाथ पर रखकर उनके कहा चलो मम्मी कहा खा लो। लेकिन जैसे ही मैंने अपने हाथ को उनके हाथ पर रखा उन्होंने मेरे हाथ को पकड लिया और अपनी चूची में लगते हुए मुझसे कहा – जब से तुम्हारे पापा की मौत हुई मैं किसी से चूड़ी नही हूँ और मेरे अंदर की जिस्म की आग से मैं जल रही हूँ तुम मेरे चूत की गर्मी को शांत कर दो बेटा मुझे चोद कर। तो मैंने उसके कहा आप ठीक तो है आप ये क्या कह रही है। मैं आप का बेटा हूँ मैं आप के साथ ये सब नही करूँगा।
तो मम्मी ने मुझसे कहा – मैं चाहती तो मुझे बहुत से मर्द मिल जाते लेकिन मैं अपने आप को तुम्हारे पापा की वजह से रोके हुए थी। अगर तुम मेरी चुदाई करोगे तो कोई जान भी नही पायेगा और मेरी चुदाई भी हो जायेगी।
मेरा मन भी चुदाई करने को कह रहा था और मम्मो भी बहुत ज्यादा चुदासी थी। तो मैंने उनसे कहा – मम्मी चुदने के लिए तैयार हो जाओ मैं अभी कपडे बदल कर आता हूँ।
कुछ देर बाद मैंने अपने कपडे निकाल कर मम्मी के कमरे में आया मैंने केवल इंडरवियर पहना था। मम्मी चुचाप बैठी हुई थी जब मैं उनके पास पहुंचा तो मैंने मम्मी को अपनी गोदी में उठा लिया और फिर मैंने मम्मी को किस करना शुरू किया और उनको अपनी गोदी में लेकर किस करने लगा। पहले तो केवल मैं हो मम्मी के होठ को पी रहा था लेकीन कुछ देर बाद मम्मी भी मुझसे चिपकने लगी थी और साथ मेरे होठ को अपने मुह में ले लिया उर मेरे होठ को चुमते हुए पी रही थी। कुछ देर बाद मैंने मम्मी को बिस्तर पर बिठा दिया और फिर उनकी होठ को पीते हुए मैंने उनकी चूची को भी दबाने लगा, जिससे मम्मी और भी कामातुर होने लगी और वो मेरे होठ को अपने दांतों से काटने लगी।
10 मिनट तक मम्मी के होठ को पपीने के बाद मैंने मम्मी के साडी को निकाल दिय और उनके ब्लाउस के बटन को अपने हाथो से खोल दिया और जिससे मम्मी की चूची दिखने लगी। मम्मी की चूची बहुत ही मस्त लग रही थी। देखने में बहुत ही गोरी और बिलकुल साइज़ में थी क्योकि मम्मी की चूची को दबने वाला कोई नही था। ,मैंने मम्मी कोई दोनों स्तन को अपने दोनों हाथो से पकड लिया और मसलने लगा। उनकी चूची दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर बंद मैंने मम्मी के मम्मो को अपने मुह में ले लिया और उनकी चूची को दबा दबा कर पीने लगा। जिससे मम्मी क माज़ा आ रहा था और वो अपने दूध को मुझे बड़े जोश से पिला रही थी। धीरे धीरे मेरे अंदर का शैतान जड़ने लगा और मैं चुदाई के आग में मम्मी की चूची को जोर जोर से दबाने लगा और उनकी चूची को काटने लगा जिससे मिमी की चूची में दर्द होने लगा और उन्होंने मुझे अपनी चूची से दूर करने लगे और साथ में सिसक भी थी।
बहुत देर तक चूची को पीने के बाद मैं बहुत ही ज्यादा काम के आग में जलने लगा था। मैंने तुरंत ही मम्मी के पेटीकोट के नारे को खोला और उनकी चूत को लाल पैंटी के ऊपर से ही दबते हुए सलते हुए मैंने उनकी पैंटी भी निकाल दी। मम्मी की चूत देखने में बहुत साफ लग रही थी और काफी कसी हुई भी थी उनकी चूत को देख कर मेरा लंड और भी तन गया। मैंने अपने लंड को मम्मी की चूत में लगते हुए उनके चूत लाल गुलाबी दाने में अपने लंड को रगड़ने लगा जिससे मम्मी भी और ज्यादा चुदासी हो गई और वो अपनी फुद्दी को सहलते हुए अपनी चूची को मसाल रही थी। कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को पकड कर एक जोर से झटका दिया जिससे मेरा लंड मम्मी की चूत के अंदर चला गया। मम्मी की चूत बहुत ही गर्म थी मुझे ऐसा लग रहा था जिसिसे मेरा लंड किसी गर्म जगह पर घुस गया गया हो। जब मैंने मम्मी को चोदने शुरू किया तो मम्मी की चूत बहुत टाईट थी मुझे मम्मी को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और मम्मी को भी चुदने में मज़ा अ रहा था। कुछ देर बाद जब मेरे अंदर का शैतान जग गया तो मैंने मम्मी की कमर को पकड़ा और जोर जोर जोर से मम्मी की चूत को चोदने लगा। जिससे मम्मी की चूत में एक दर्द उत्पन हो रहा था और वो बिस्तर के चादर को पकड कर मेरे लंड के दर्द को सहते हुए मुझसे चुदवा रही थी। मैं मम्मी की लगातार तेजी से छोड़ रहा था और कुछ देर बाद जब मम्मी मेरे लंड के दर्द को नही सह पी तो वो अपने चूत को मसलते हुए आआआआअह्हह्हह,…..ईईईईईईई…..ओह्ह्ह्हह्ह ऊह्ह ओह्ह्ह ऊओह्ह उफू फूफ उफ़ उफ्फ्फ …. मम्मी आह आःह्ह अह्ह्ह… …उ उ उ उ ऊऊऊ ……….ऊँ….ऊँ…..ऊँ.. उंह उंह उंह हूँ……. हूँ… हूँ….. आऊ….. आऊ……हमममम अहह्ह्ह्हह…… करके चीखने लगी थी।
कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को मम्मी की चूत से बहार निकाल लिया और फिर मम्मी को अपनी गोदी में उठा लिया और किस करते हुए उनके पास में रखे एक मेज पर बिठा दिया और फिर अपने लंड को उनके बुर में लगा कर फिर से उनकी चुदी करना शुरू किया। मैं जोर जोर से अपने लंड को धक्का धक्का दे रहा थाऔर जिससे मम्मी छूट में दर्द के कारण मम्मी मुझसे चिपकती ही जा रही थी और जोर जोर से चीख रही थी। उनके आवाज़ से पूरा घर गूंज रहा था। लेकिन मैं लगातार मम्मी की चढाई करते हुए उनकी चूची को दबा रहा था। जब मेरा लंड मम्मी की चूत के अंदर जाता टी मेरे लंड के रगड़ से मम्मी तड़प उठती..
बहुत देर तक मम्मी की चुदाई करने के बाद मैंने अपने लंड को उनके चूत से निकाल लिया और फिर मुठ मारने लगा।
चुदाई के बाद भी मम्मी का मन नही भरा था तो मैंने मम्मी की चूत से पानी भी निकाला। उस दिन के बाद से जब भी मम्मी का मन चुदने को करता वो मुझसे कह देती थी और मैं रात को उनकी खूब चुदाई करता था।
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